Wednesday 28 August 2019

प्रश्न - *दी, मेरी जॉब की व्यस्तता है, ज्यादा से ज्यादा आधे घण्टे ही पूजन के समक्ष बैठकर जप कर सकता हूँ, मेरे लिए जो उत्तम हो वह दैनिक साधना बताइये जिससे जॉब व्यस्तता के बावजूद अपनी आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रसस्त कर सकूं।*

प्रश्न - *दी, मेरी जॉब की व्यस्तता है, ज्यादा से ज्यादा आधे घण्टे ही पूजन के समक्ष बैठकर जप कर सकता हूँ, मेरे लिए जो उत्तम हो वह दैनिक साधना बताइये जिससे जॉब व्यस्तता के बावजूद अपनी आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रसस्त कर सकूं।*

उत्तर - आत्मीय भाई, आप एक वर्ष तक की नियमित उपासना व्रत जिसे *सहस्त्रांशु साधना* कहते हैं, करना शुरू कीजिए। *एक वर्ष बाद* अपने अनुभव साझा कीजिये तब आप दूसरे वर्ष से उच्चस्तरीय साधना क्रम करने में समर्थ होंगे।

*सहस्त्रांशु साधना के नियम इस प्रकार हैं:-*

👉🏻 पूजन चौकी में दीपक जलाकर, दैनिक षट कर्म करें, उसके बाद देव आह्वाहन करके जप प्रारम्भ कर दें। एक स्थान व एक आसन प्रयोग करें तो उत्तम होगा। समय कोशिश करें कि एक ही हो यदि सम्भव न हुआ तो कोई बात नहीं।

👉🏻 कम से कम 10 माला नित्य गायत्री मंत्र जपना है, अब यह जितना पूजन गृह में जप सकते हैं उतना उपांशु जप(होठ हिलते रहेंगे व अत्यंत धीमा भीतर ही भीतर स्वर) वहाँ सुबह जप लें। कुछ मौनमानसिक शाम को जप लें। कुछ यात्रा के दौरान मौनमानसिक जप लें। कुछ ऑफिस में मौनमानसिक जप लें। यह माला सर्वत्र नहीं ले जाया जा सकता। अतः घड़ी देखकर जप लें। टोटल यह मान लें आपके दिन रात के 24 घण्टे में से मात्र एक घण्टा गायत्री जप होना चाहिए। 10 माला गायत्री के साथ 24 महामृत्युंजय मंत्र जप होना चाहिए।

👉🏻 प्रत्येक रविवार या गुरुवार में जो आप को सुविधा लगे उस दिन व्रत रखें। कम से कम बोलें और कुछ घण्टों या मिनटों जो सधे उतना मौन रखें।
(यदि फ़लाहार व दूध लेकर केवल व्रत न रह सकें, तो शाम को एक वक़्त गेहूं से बने मिष्ठान्न व चपाती खाकर अर्ध्य उपवास रख लें)

👉🏻पूर्णिमा या अंतिम रविवार को कम से कम 24 गायत्री मंत्र, 5 महामृत्युंजय मंत्र, 3 सूर्य गायत्री मंत्र, 3 चन्द्र गायत्री मंत्र, 3 रुद्र गायत्री मंत्र की आहुतियाँ अर्पित करते हुए यज्ञ करें।
आप सक्षिप्त यज्ञ गोमयकुण्ड से या नारियल के टुकड़ों से या आम की समिधा से जिससे सम्भव हो कर लें।

निम्नलिखित पुस्तक में घर में यज्ञ व साधना की विधि है और साथ ही हवन सामग्री व दुप्पटा भी इसे ऑनलाइन मंगवा लें, या नजदीकी शक्तिपीठ से खरीद लें:-

http://literature.awgp.org/book/gayatri_ki_dainik_sadhna/v1

https://www.awgpstore.com/

4- गायत्री मन्त्रलेखन कम से कम 24 बिस्तर में सोने से पूर्व कभी भी घर मे या बाहर या ट्रेन-बस यात्रा में कर लें। इसमें कोई निश्चित समय की आवश्यकता नहीं।मन्त्रलेखन पुस्तिका तकिया के नीचे रख के सोएं जिससे मन्त्र की शुभ व दिव्य वाइब्रेशन आपके मष्तिष्क में पहुंचे।

5- स्वाध्याय में  युगसाहित्य कोई भी पुस्तक 15 मिनट पढ़ लें। इसके लिए मोबाईल में ब्राउज़र ओपन करके ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं या खरीद के बुक पढ़ सकते है। हमसे पूँछेगे कि प्रथम पुस्तक कौन हो तो हम निम्नलिखित वांग्मय 57 - *मनस्विता, प्रखरता एवं तेजस्विता* पढ़ने की सलाह देंगे। इसे एक वर्ष में पूरा पढ़ लीजिये:-

https://www.awgpstore.com/gallery/product/init?id=380

6- व्हाट्सएप या अपने फ़ेसबुक में जो पढ़ा उसकी समरी बनाकर पोस्ट कर दीजिये। जिससे दुसरो का भी भला हो।

7- सुबह आत्मबोध और रात को तत्वबोध की साधना करनी है। सुबह भगवान को धन्यवाद दीजिये, स्वयं से कहिए उस सर्वशक्तिमान परमात्मा का मैं सर्वशक्तिमान पुत्र हूँ। मैं उसके जैसा ही बुद्धिमान, ऐश्वर्यवान, शक्तिमान बनने के लिए पूरे दिन प्रयत्नशील रहूंगा, आज क्या क्या करना है कि अग्रिम रिपोर्ट भगवान को मानसिक तौर पर बता दीजिए। रात को दिनभर का मानसिक लेखा जोखा भगवान को रिपोर्ट देकर सो जाइये।
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यह *सहस्त्रांशु साधना* शुरू करने से पहले एक पत्र या ईमेल शान्तिकुंज श्रद्धेया शैल जीजी को प्रेषित कर दें। जिससे गुरु सत्ता का सूक्ष्म संरक्षण व दोषपरिमार्जन हो जाये।
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*शांतिकुंज पत्र व्यवहार का पता:-*
Gayatri  Teerth Shantikunj, Haridwar,
Uttaranchal, India – 249411
Phone no : 91-1334- 260602, 260403, 260309, 261955, 261485
E-mail : shantikunj@awgp.org, webadmin@awgp.org,visitors@awgp.in

Reference Book👉🏻 📖 *गायत्री की दैनिक एवं विशिष्ठ अनुष्ठान-परक साधनाएं*, पेज - 4.46, शीर्षक - *सहस्त्रांशु साधना*

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संक्षिप्त यज्ञ - विचारक्रांति चलचित्र अभियान की यूट्यूब लिंक में समझें:-

https://youtu.be/3ONVThXZB9g

संक्षिप्त यज्ञ - आदरणीय भाई श्री प्रकाश मूरजानी जी से यूट्यूब लिंक में समझें:-

https://youtu.be/xgGlpv7f7WY

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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