प्रश्न - *दीदी मेरी सहायता करो, अभी मैं सो रही थी कि अचानक बच्चे के खिलौने के आवाज आई ऐसा लगा कोई है,,,दीदी मैं बहुत डरी हुई हु इसीलिए इस समय आपको masg किया ,, परम वंदनीय माता जी और परम पूज्य गुरुदेव को याद किया तो सब शांत हुआ दीदी उपाय बताइये कृपया ये सब मे्रे साथ बहुत हो रहा है कभी कुछ लोग दिखायी देते है कभी आवाज लेकिन होता सब सपने के माध्य्म से है किंतु आज खिलौने की आवाज आई दीदी उपाय बताइये ऐसे डर के नही रह सकती*
उत्तर- आत्मीय बहन,
यदि नकारात्मक शक्ति प्रभावशाली होती तो वो तुम्हें तुरन्त नष्ट कर देती मात्र आवाजें या दृश्य दिखाकर टाइमपास नहीं करती।
जैसे शेर का बच्चा शेर होता है,वैसे ही तुम त्रिपदा गायत्री की बेटी तीनों शक्तियों बुद्धि, बल एवं धन से युक्त हो। अफ़सोस यह है कि दुनियाँ यह बात जानती है और तुम इस सत्य से अंजान हो, तुम सर्वशक्तिमान देवी गायत्री की बेटी सर्वशक्तिमान हो।
भय का अर्थ यह है कि नकारात्मक कल्पना व स्वप्न एकाकार हो गया है। स्वप्न बन्द आंखों से नींद में और खुली आँखों मे दोनो वक्त जो नहीं है देखा जा सकता है। भय अर्थात जो नहीं है उसकी काल्पनिक चिंतन, काल्पनिक दृश्य देखना व कल्पनिक आवाजें सुनना।
रात को सोने से पूर्व और सुबह जागने से पूर्व की स्थिति अल्फा मानसिक तरंगों की होती हैं। यह वह समय है जब अपने दिमाग की प्रोग्रामिंग हम शुभ वचनों और संकल्पो से कर सकते हैं।
अतः सोने से पूर्व 40 दिनों तक 1 पेज गायत्री मंत्र लेखन लिख उसे तकिया के नीचे रख के सो जाओ।
पांच बार निम्नलिखित बोलकर सोना और सुबह उठते ही बोलना:-
मैं सर्वशक्तिमान त्रिपदा गायत्री की बेटी तीनों शक्तियों बुद्धि, बल एवं धन से युक्त हूँ।
मैं बलवान हूँ,
मैं बुद्धिमान हूँ,
मैं ऐश्वर्यवान हूँ।
हाँ हाँ मैं ही सर्वशक्तिमान हूँ।
जो गायत्री है वही मैं हूँ
सो$हम सो$हम सो$हम
माता भवानी की तरह मैं नकारात्मक शक्तियों के शमन में सक्षम हूँ। क्योंकि मैं उनकी पुत्री हूँ।
हाथ मे जितना पानी पी सको उतना जल ग्लास में लेकर तीन बार गायत्री मंत्र व एक बार महामृत्युंजय बोलकर पी जाओ।
दिन में एक बार मष्तिष्क में पूजा के वक्त यज्ञ भष्म मस्तिष्क पर लगा लो।
👆🏻 उपरोक्त्त संकल्प व क्रिया बच्चों व पति से करवाओ। बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा, तुम्हारा व पति का जॉब व व्यवसाय में मन लगेगा। लोकसेवी बनोगे। घर में सभी भयमुक्त व साहसी बनेंगे।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर- आत्मीय बहन,
यदि नकारात्मक शक्ति प्रभावशाली होती तो वो तुम्हें तुरन्त नष्ट कर देती मात्र आवाजें या दृश्य दिखाकर टाइमपास नहीं करती।
जैसे शेर का बच्चा शेर होता है,वैसे ही तुम त्रिपदा गायत्री की बेटी तीनों शक्तियों बुद्धि, बल एवं धन से युक्त हो। अफ़सोस यह है कि दुनियाँ यह बात जानती है और तुम इस सत्य से अंजान हो, तुम सर्वशक्तिमान देवी गायत्री की बेटी सर्वशक्तिमान हो।
भय का अर्थ यह है कि नकारात्मक कल्पना व स्वप्न एकाकार हो गया है। स्वप्न बन्द आंखों से नींद में और खुली आँखों मे दोनो वक्त जो नहीं है देखा जा सकता है। भय अर्थात जो नहीं है उसकी काल्पनिक चिंतन, काल्पनिक दृश्य देखना व कल्पनिक आवाजें सुनना।
रात को सोने से पूर्व और सुबह जागने से पूर्व की स्थिति अल्फा मानसिक तरंगों की होती हैं। यह वह समय है जब अपने दिमाग की प्रोग्रामिंग हम शुभ वचनों और संकल्पो से कर सकते हैं।
अतः सोने से पूर्व 40 दिनों तक 1 पेज गायत्री मंत्र लेखन लिख उसे तकिया के नीचे रख के सो जाओ।
पांच बार निम्नलिखित बोलकर सोना और सुबह उठते ही बोलना:-
मैं सर्वशक्तिमान त्रिपदा गायत्री की बेटी तीनों शक्तियों बुद्धि, बल एवं धन से युक्त हूँ।
मैं बलवान हूँ,
मैं बुद्धिमान हूँ,
मैं ऐश्वर्यवान हूँ।
हाँ हाँ मैं ही सर्वशक्तिमान हूँ।
जो गायत्री है वही मैं हूँ
सो$हम सो$हम सो$हम
माता भवानी की तरह मैं नकारात्मक शक्तियों के शमन में सक्षम हूँ। क्योंकि मैं उनकी पुत्री हूँ।
हाथ मे जितना पानी पी सको उतना जल ग्लास में लेकर तीन बार गायत्री मंत्र व एक बार महामृत्युंजय बोलकर पी जाओ।
दिन में एक बार मष्तिष्क में पूजा के वक्त यज्ञ भष्म मस्तिष्क पर लगा लो।
👆🏻 उपरोक्त्त संकल्प व क्रिया बच्चों व पति से करवाओ। बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा, तुम्हारा व पति का जॉब व व्यवसाय में मन लगेगा। लोकसेवी बनोगे। घर में सभी भयमुक्त व साहसी बनेंगे।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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