🌹 *ऋषिपंचमी व्रत की शुभकामनाएं- भाद्र पद -शुक्लपक्ष पंचमी, 3 सितम्बर 2019*
यह व्रत सप्तऋषियों की तपशक्ति से जुड़ने का व्रत है, ऋषि सदैव लोककल्याण की भावना से तप करते हैं। इस तपपूँजी को लुटाने वो इस दिन धरती का विचरण करते हैं। धरतीवासी जिन भूलों का प्रायश्चित अपने तपबल से नहीं कर पाते उसके लिए वो अतिरिक्त सहायता इन ऋषियों से लेते हैं। उनसे जुड़ने के लिए व्रत करते हैं।
पूरे दिन फलाहार व रसाहार में व्रत करते हैं, और दिन में ज्यादा से ज्यादा गायत्री जप करें। रात को दीपयज्ञ 7 दीपक प्रत्येक ऋषियों के नाम पर जलाकर करें। सातो दीपक का रोली चंदन से पूजन करें।
🙏🏻🌺 *हे सप्तऋषियों! तुम्हें प्रणाम* 🌺🙏🏻
हे विश्वामित्र! हे परशुराम! हे वशिष्ठ!
हे याज्ञवल्क्य! हे चरक! हे भगीरथ!
हे बाल्मीकि! हे भक्त श्रीराम के,
सभी सप्तऋषियों को मेरा प्रणाम।
👉🏼 *प्रथम ऋषि- विश्वामित्र* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! विश्वामित्र,
आपने हम पर बड़ा उपकार किया,
गायत्री मंन्त्र जप से,
ब्रह्मतेज पाने का अधिकार दिया,
शक्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए,
इस शक्ति को साथ में कीलित किया,
विश्व मित्र बनकर ही,
शक्ति हासिल करने को बाध्य किया।
हे ब्रह्मर्षि! विश्वामित्र,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
आत्मियता विस्तार करो,
विश्व का मित्र बनने में,
हमारी सहायता करो,
गायत्री मंत्र से ब्रह्मतेज पाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *द्वितीय ऋषि - भागीरथ* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! भागीरथ,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
कठिन तपस्या करके
धरा पर गंगा का अवतरण किया,
सगर पुत्रों के साथ साथ,
लाखों को तार दिया।
हे ब्रह्मर्षि! भागीरथ,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी तप करने की,
योग्यता का विस्तार करो,
ज्ञान गंगा गायत्री को,
हम भी प्रशन्न कर सकें,
अपनी चेतना में,
गायत्री का अवतरण कर सकें।
👉🏼 *तृतीय ऋषि - बाल्मीकि* 🙏🏻
हे महर्षि! बाल्मीकि,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
कठिन तपस्या करके,
स्वयं सुधार का सूत्र दिया,
डाकू रत्नाकर से,
महर्षि बाल्मीकि बनकर दिखाया,
श्रीराम के युगनिर्माण कार्य को,
अपने आश्रम में बढ़ाया,
रामायण संस्कृत में लिखकर,
रामचरित्र जनमानस को उपलब्ध कराया,
हे महर्षि! बाल्मीकि,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
गर्भ में ही व्यक्तित्व गढ़ने का,
गर्भ का ज्ञान विज्ञान दिया,
माता सीता के गर्भ में ही,
लवकुश का शिक्षण प्रारम्भ किया।
हे महर्षि! बाल्मीकि,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
युगनिर्माण करने की,
योग्यता का विस्तार करो,
हम भी घर घर में,
संस्कारवान पीढ़ी गढ़ सकें,
ऐसा आशीर्वाद दो,
श्रीराम के अंग अवयव हम बन सकें,
ऐसा हमें वरदान दो।
👉🏼 *चतुर्थ ऋषि - वशिष्ठ* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! वशिष्ठ,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
गायत्री मंन्त्र जप से,
ब्रह्मतेज पाने का अधिकार दिया,
शक्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए,
इस शक्ति को साथ में कीलित किया,
विशेष योग्य बनकर ही,
शक्ति हासिल करने को बाध्य किया,
शिक्षा में गायत्री की,
अनिवार्यता पर बल दिया,
श्रीराम के प्रश्नों का,
योगवशिष्ठ में समाधान दिया।
हे ब्रह्मर्षि! वशिष्ठ,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
राम सा चरित्र गढ़ो,
विशेष गुणों को धारण करने में,
हमारी सहायता करो,
गायत्री मंत्र से ब्रह्मतेज पाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *पंचम ऋषि - चरक* 🙏🏻
हे महर्षि! चरक,
आपने हम पर बड़ा उपकार किया,
विभिन्न औषधियों का ज्ञान देकर,
स्वास्थ्य लाभ पाने का अधिकार दिया।
स्वास्थ्य सूत्रों का ज्ञान देकर,
पीड़ित मानवता का उपकार किया।
हे ब्रह्मर्षि! चरक,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
स्वास्थ्य सूत्रों की जानकारी भरो,
पीड़ित मानवता की सेवा करने में,
हमारी सहायता करो,
स्वास्थ्य आंदोलन चलाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *छठे ऋषि - परशुराम* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! परशुराम,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
अधर्मियों का समूल नाश कर,
धर्म को पुनर्स्थापित किया,
युगऋषि के गुरुबनकर,
गायत्री पुरुश्चरण करने का आदेश दिया,
घर घर गायत्री और यज्ञ पहुंचाने का,
महान उत्तरदायित्व दिया,
युगनिर्माण योजना द्वारा,
पुनः धर्म स्थापना का आगाज़ किया।
हे ब्रह्मर्षि! परशुराम,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
सृजन सैनिक की योग्यता दो,
हमसे भी गुरुकार्य करवा लो,
युगनिर्माण के कार्य में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *सप्त ऋषि - याज्ञवल्क्य* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! याज्ञवल्क्य,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
यज्ञ का ज्ञान विज्ञान देकर,
सम्पूर्ण प्रकृति का कल्याण किया,
उपनिषदों की रचना करके,
ब्रह्मसूत्रों को सहज समझा दिया।
हे ब्रह्मर्षि! याज्ञवल्क्य,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
ब्रह्मज्ञान ग्रहण करने की योग्यता दो,
यज्ञ का यज्ञ का ज्ञान-विज्ञान समझने में,
हमारी सहायता करो,
घर घर में यज्ञ पहुंचाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
यह व्रत सप्तऋषियों की तपशक्ति से जुड़ने का व्रत है, ऋषि सदैव लोककल्याण की भावना से तप करते हैं। इस तपपूँजी को लुटाने वो इस दिन धरती का विचरण करते हैं। धरतीवासी जिन भूलों का प्रायश्चित अपने तपबल से नहीं कर पाते उसके लिए वो अतिरिक्त सहायता इन ऋषियों से लेते हैं। उनसे जुड़ने के लिए व्रत करते हैं।
पूरे दिन फलाहार व रसाहार में व्रत करते हैं, और दिन में ज्यादा से ज्यादा गायत्री जप करें। रात को दीपयज्ञ 7 दीपक प्रत्येक ऋषियों के नाम पर जलाकर करें। सातो दीपक का रोली चंदन से पूजन करें।
🙏🏻🌺 *हे सप्तऋषियों! तुम्हें प्रणाम* 🌺🙏🏻
हे विश्वामित्र! हे परशुराम! हे वशिष्ठ!
हे याज्ञवल्क्य! हे चरक! हे भगीरथ!
हे बाल्मीकि! हे भक्त श्रीराम के,
सभी सप्तऋषियों को मेरा प्रणाम।
👉🏼 *प्रथम ऋषि- विश्वामित्र* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! विश्वामित्र,
आपने हम पर बड़ा उपकार किया,
गायत्री मंन्त्र जप से,
ब्रह्मतेज पाने का अधिकार दिया,
शक्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए,
इस शक्ति को साथ में कीलित किया,
विश्व मित्र बनकर ही,
शक्ति हासिल करने को बाध्य किया।
हे ब्रह्मर्षि! विश्वामित्र,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
आत्मियता विस्तार करो,
विश्व का मित्र बनने में,
हमारी सहायता करो,
गायत्री मंत्र से ब्रह्मतेज पाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *द्वितीय ऋषि - भागीरथ* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! भागीरथ,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
कठिन तपस्या करके
धरा पर गंगा का अवतरण किया,
सगर पुत्रों के साथ साथ,
लाखों को तार दिया।
हे ब्रह्मर्षि! भागीरथ,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी तप करने की,
योग्यता का विस्तार करो,
ज्ञान गंगा गायत्री को,
हम भी प्रशन्न कर सकें,
अपनी चेतना में,
गायत्री का अवतरण कर सकें।
👉🏼 *तृतीय ऋषि - बाल्मीकि* 🙏🏻
हे महर्षि! बाल्मीकि,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
कठिन तपस्या करके,
स्वयं सुधार का सूत्र दिया,
डाकू रत्नाकर से,
महर्षि बाल्मीकि बनकर दिखाया,
श्रीराम के युगनिर्माण कार्य को,
अपने आश्रम में बढ़ाया,
रामायण संस्कृत में लिखकर,
रामचरित्र जनमानस को उपलब्ध कराया,
हे महर्षि! बाल्मीकि,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
गर्भ में ही व्यक्तित्व गढ़ने का,
गर्भ का ज्ञान विज्ञान दिया,
माता सीता के गर्भ में ही,
लवकुश का शिक्षण प्रारम्भ किया।
हे महर्षि! बाल्मीकि,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
युगनिर्माण करने की,
योग्यता का विस्तार करो,
हम भी घर घर में,
संस्कारवान पीढ़ी गढ़ सकें,
ऐसा आशीर्वाद दो,
श्रीराम के अंग अवयव हम बन सकें,
ऐसा हमें वरदान दो।
👉🏼 *चतुर्थ ऋषि - वशिष्ठ* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! वशिष्ठ,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
गायत्री मंन्त्र जप से,
ब्रह्मतेज पाने का अधिकार दिया,
शक्ति का दुरुपयोग रोकने के लिए,
इस शक्ति को साथ में कीलित किया,
विशेष योग्य बनकर ही,
शक्ति हासिल करने को बाध्य किया,
शिक्षा में गायत्री की,
अनिवार्यता पर बल दिया,
श्रीराम के प्रश्नों का,
योगवशिष्ठ में समाधान दिया।
हे ब्रह्मर्षि! वशिष्ठ,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
राम सा चरित्र गढ़ो,
विशेष गुणों को धारण करने में,
हमारी सहायता करो,
गायत्री मंत्र से ब्रह्मतेज पाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *पंचम ऋषि - चरक* 🙏🏻
हे महर्षि! चरक,
आपने हम पर बड़ा उपकार किया,
विभिन्न औषधियों का ज्ञान देकर,
स्वास्थ्य लाभ पाने का अधिकार दिया।
स्वास्थ्य सूत्रों का ज्ञान देकर,
पीड़ित मानवता का उपकार किया।
हे ब्रह्मर्षि! चरक,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
स्वास्थ्य सूत्रों की जानकारी भरो,
पीड़ित मानवता की सेवा करने में,
हमारी सहायता करो,
स्वास्थ्य आंदोलन चलाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *छठे ऋषि - परशुराम* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! परशुराम,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
अधर्मियों का समूल नाश कर,
धर्म को पुनर्स्थापित किया,
युगऋषि के गुरुबनकर,
गायत्री पुरुश्चरण करने का आदेश दिया,
घर घर गायत्री और यज्ञ पहुंचाने का,
महान उत्तरदायित्व दिया,
युगनिर्माण योजना द्वारा,
पुनः धर्म स्थापना का आगाज़ किया।
हे ब्रह्मर्षि! परशुराम,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
सृजन सैनिक की योग्यता दो,
हमसे भी गुरुकार्य करवा लो,
युगनिर्माण के कार्य में,
हमारे सदा सहाय बनो।
👉🏼 *सप्त ऋषि - याज्ञवल्क्य* 🙏🏻
हे ब्रह्मर्षि! याज्ञवल्क्य,
आपने हम सब पर,
बड़ा उपकार किया,
यज्ञ का ज्ञान विज्ञान देकर,
सम्पूर्ण प्रकृति का कल्याण किया,
उपनिषदों की रचना करके,
ब्रह्मसूत्रों को सहज समझा दिया।
हे ब्रह्मर्षि! याज्ञवल्क्य,
हम पर भी कृपा करो,
हमारे अंदर भी,
ब्रह्मज्ञान ग्रहण करने की योग्यता दो,
यज्ञ का यज्ञ का ज्ञान-विज्ञान समझने में,
हमारी सहायता करो,
घर घर में यज्ञ पहुंचाने में,
हमारे सदा सहाय बनो।
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