Thursday, 12 September 2019

प्रश्न- *दी, तांत्रिक प्रक्रिया होती हैं क्या? यदि होती है तो इससे बचने का क्या उपाय है?*

प्रश्न- *दी, तांत्रिक प्रक्रिया होती हैं क्या? यदि होती है तो इससे बचने का क्या उपाय है?*

उत्तर - आत्मीय बहन,

सूक्ष्म जगत में मनचाही हलचल उतपन्न करने के लिए व अभीष्ट सिद्धि के तीन मार्ग है - मन्त्र, यन्त्र व तंत्र

तंत्र अर्थात एक निश्चित व्यवस्था व उपक्रम को अपनाकर व्यक्ति या प्रकृति को विवश करके अभीष्ट सिद्धि करना।

प्राचीन समय में अघोरी एवं तांत्रिक तंत्र प्रयोग से मनुष्य को वश में करके रोबोट जैसे कार्य लेते थे। मारण, मोहन, उच्चाटन इत्यादि अभिसंचार के प्रयोग करते थे।

लेक़िन वर्तमान समय में ऐसे सिद्ध तांत्रिक व अघोरी उपलब्ध नहीं हैं, यदि कोई तांत्रिक व अघोरी अपनी विद्या का दुरुपयोग करता है तो उसके कपाल के दो टुकड़े एक महीने के अंदर हो जाते हैं। अतः इसके दुरुपयोग से वो बचते हैं। जिस प्रकार सांप व मधुमक्खी डसने के बाद शक्तिहीन हो जाते हैं, वैसे ही तंत्र के बड़े प्रयोग के बाद तांत्रिक शक्तिहीन हो जाता है।
👇🏻
*कमज़ोर मानसिकता वाले या अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय करके मनोबल न बढ़ाने वाले या नित्य गायत्री मंत्र न जपने वाले लोग झूठ मूठ के तंत्र की मूर्खता पूर्ण बातों पर भरोसा कर लेते हैं कि अमुक ने वशीकरण किया है अमुक पर या अमुक बहु या पड़ोसी या सास तंत्र हम पर करवा रही है। यह सब बकवास ही अक्सर होता है।*

वास्तव में गाँव के ओझा और गुनिया इन लोगों की मूर्खता का फ़ायदा उठाते हैं, झूठ मूठ का तंत्र मंन्त्र दिखा के इन्हें विश्वास दिलाते हैं कि वशीकरण, मोहन, मारण या उच्चाटन हो गया है,  या बोलते हैं कि तुम पर वशीकरण, मोहन, मारण व उच्चाटन हुआ था उसे मैंने तोड़ दिया।

*वास्तव में ओझा और गुनिया ने कुछ परिवर्तन नहीं किया, परिवर्तन का कारण उस व्यक्ति के विश्वास से हुआ। जैसा हम विश्वास(belief) कर लेंगे वैसा सब कुछ कल्पना में, आसपास के साथ साथ शरीर मे भी घटने लगता है। हमारा विश्वास ही बिजनेस व व्यापार में भी फर्क लाता है।*

🙏🏻 *भगवान के मंन्त्र जप से कृपा प्राप्ति हो या तंत्र प्रयोग का नुकसान सबकुछ का आधार विश्वास ही है।*
Belief System(दृढ़ विश्वास) play key role in your life.🙏🏻

👉🏼 *इसे सिद्ध करने के लिए मनोवैज्ञानिको की टीम ने एक प्रयोग किया।* उन्होंने एक कैदी जिसे मृत्युदंड मिला हुआ था उस पर प्रयोग किया। उसकी आँखों के सामने एक काले कोबरा नाग को लाया और उसे बताया कि इस नाग से तुम्हें कटवा के मारेंगे। हम यह प्रयोग तुम्हारी आँखों पर पट्टी बांध कर करेंगे जिससे हम यह पता लगा सकें कि सांप के काटने के कितने देर बाद एक मनुष्य की मृत्यु होती है। आठ दस मनोवैज्ञानिको की टीम थी। सपेरे और सांप को वापस भेज दिया।

*अब एक झूठ मूठ का नाटक शुरू हुआ। उस कैदी व्यक्ति की आंख पर पट्टी बांध दी। कमरे में नकली प्लास्टिक का सांप मंगवाया गया। उसके मुंह मे दो पिन लगाकर झूठ बोलते हुए कि सांप ने काट लिया सुई चुभोई। अब सब बारी बारी बोलने लगे जहर चढ़ रहा है, हाथ मे चढ़ गया, अब रक्त में घुल गया,  हृदय तक पहुंच गया, शरीर काला पड़ रहा है, इस तरह यह सब सुनते सुनते उस कैदी व्यक्ति जिसकी आंख में पट्टी बंधी थी मर गया। जब पोस्ट मार्टम हुआ तो उसके अंदर काले कोबरे का जहर पाया गया और शरीर नीला था।*

मनोवैज्ञानिक ने बताया -- विचार अपने सदृश्य भावनाओं को जन्म देते हैं -- भावनाएं सदृश्य हार्मोन का स्राव करती हैं -- एक ही विचार कई बार सुनने पर उसकी स्मृति विश्वास में बदल जाती है -- शरीर मे वैसे ही रसायनिक परिवर्तन शुरू हो जाते हैं --- विश्वास के साथ किया विचार  आसपास वैसे ही वातावरण को आकर्षित करने लगता है। उस कैदी ने सांप पर विश्वास किया, भय की भावना ने बुरे हार्मोन का स्राव किया, जहर उसी के शरीर ने उत्तपन्न कर दिया। और वह मर गया।

*अब निर्णय आपको करना है कि बुरे लोगों की संगति से---बुरे विचार सोचकर -- बुरी भावनाएं -- और बुरे हार्मोन का स्राव करके -- शरीर को ज़हर का रसायन उतपन्न करने का आदेश देना है...*

या

*स्वाध्याय सत्संग, गायत्री मंत्र जप व ध्यान द्वारा -- अच्छे विचार सोचकर -- अच्छी भावनाएं -- और अच्छे हार्मोन का स्राव करके -- शरीर को अमृत रसायन उतपन्न करने का आदेश देना है...*

*जैसा निर्णय लोगे व जिस पर विश्वास दृढ़ करोगे , वैसा सबकुछ आपके साथ घटेगा।*

अपनी प्रबल मानसिक शक्तियों से नए अच्छे विश्वास को जन्म देकर सभी प्रकार के तंत्र के भ्रम से स्वयं को  व परिवार को मुक्त कर सकते हो।

दृढ़पूर्वक विश्वास व सच्चे प्रेम से किये शशक्त विचारों से शरीर मे वह रसायन उतपन्न किया जा सकता है जो जिसे चाहे उसे वश में कर सकता है।

प्रबल मानसिक शक्ति के लिए नित्य कम से कम 10 माला गायत्री का जप, आधे घण्टे उगते सूर्य का ध्याम, नित्य अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय जरूरी है।

99% तो तंत्र के नाम पर झूठ ही चलता है। मान लो 1% केस में सचमुच का दुष्ट तांत्रिक से पाला पड़ गया या भूत-प्रेत-जिन्न-कृत्या सिद्ध करके उसने आप पर या परिवार पर मारण प्रयोग किया हो तो भी डरने की कोई बात नहीं।

निम्नलिखित में जो प्रयोग सधे उसे कर लीजिए:-

सर्वप्रथम रोग हेतु रोगी का कम्प्लीट हेल्थ चेकअप करवाएं व औषधि परामर्श अनुसार खाते रहें। यज्ञ चिकित्सा भी साथ साथ करें।

गायत्री मंत्र जितना शक्तिशाली है उतना ही गायत्री तंत्र भी शक्तिशाली है व सर्वसमर्थ है। लेकिन आपका समाधान गायत्री मंत्र, यज्ञ व गुरुगीता का पाठ कर देगा। नित्य 40 दिन तक गुरुगीता का विधिपूर्वक पाठ कीजिये, गायत्री कवच कीजिये, साथ ही कम से कम 10 माला गायत्रीमंत्र की जपिये। 40 दिन नित्य यज्ञ कीजिये। आप व आपका परिवार सभी प्रकार के तंत्र व काला जादू से मुक्त हो जाएंगे।

जिसने आप पर या आपके परिवार पर तंत्र किया होगा वो मानसिक स्तर पर नष्ट हो जाएगा। तंत्र पुनः भविष्य में करने के अयोग्य होकर शाप से ग्रस्त होकर विनाश को प्राप्त होगा।

दूसरा उपाय है, जितने भी परिवार के सदस्य हैं, उतने सवा लाख के अनुष्ठान का संकल्प लेकर बारी बारी करना शुरू कर दीजिए, नित्य बलिवैश्व यज्ञ कीजिये। घर में सभी को गायत्री साधना व स्वाध्याय से जोड़ दीजिये। रोज सबको दिन में एक बार यज्ञ भष्म लगाने को बोलिये, आपके परिवार वाले सदा सर्वदा के लिए सुरक्षित रहेगे व उच्च मनोबल प्राप्त करके हर क्षेत्र में सफल रहेंगे।

*जिस प्रकार स्थूल जगत में युद्ध दो हाथों से लड़ा जाता है, वैसे ही सूक्ष्म जगत में युद्ध सूक्ष्म दो हाथों से लड़ा जाता है जिसे एक हाथ को कहते हैं श्रद्धा व दूसरे हाथ को कहते हैं विश्वास। सदगुरु व गायत्री पर पूर्ण श्रद्धा विश्वास रखिये, सभी क्षेत्रों में वो सूक्ष्म स्तर का युद्ध हो या स्थूल स्तर का युद्ध उसमें विजय 100% आपको ही मिलेगी, यह विश्वास रखिये।*

वाङ्मय - 9, गायत्री महाविद्या का तत्वदर्शन पढ़े व समझेंसमस्त प्रकार के भय से मुक्ति हो जाएगी।

🙏🏻श्वेता, DIYA

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