प्रश्न - *दी, विदेशों में रहने वाले हम NRI पितरों की मुक्ति, शांति, तृप्ति के लिए पितृ पक्ष में क्या और कैसे करें?*
उत्तर- आत्मीय बहन, भगवान व पितर समझते हैं कि आपकी परिस्थिति भारतीय परम्परानुसार पंचबलि वहाँ करने की सम्भव नहीं है। लेकिन मनःस्थिति तो आपके बस में है, मनःस्थिति व कुछ स्थूल प्रतीकों से आप पितर पक्ष में अपनी श्रध्दा अर्पित कर सकते हैं।
पितृ पक्ष में नित्य तीन माला गायत्री की उनकी क्रमशः मुक्ति, तृप्ति एवं शांति के लिए कर दीजिए।
पांच दीपकों के माध्यम से दीपयज्ञ करके उनकी मुक्ति, तृप्ति व शांति के लिए हृदय से प्रार्थना कर दीजिए।
तीन अंजुली जल गमले में डालते हुए गायत्री मंत्र पहले बोलिये, फिर कहिए:-
पितर मुक्त हों मुक्त हों मुक्त हों
पितर तृप्त हों तृप्त हों तृप्त हों
पितर शांत हों शांत हों शांत हों
एक पाठ गीता का रोज बोलते हुए उनकी मुक्ति के लिये कर दीजिए।
कुछ ज्ञान साहित्य पितरों के नाम पर बंटवा दीजिये:-
1- स्कूलों में 501 प्रतियाँ हिंदी *हारिये न हिम्मत(₹5)* या इंग्लिश *loose not your heart(₹10)* बंटवा दीजिये।
2- पितरों के नाम पर किसी इंडियन के घर *वेद स्थापना ₹1501* में करवा दीजिये।
3- पितरों सम्बन्धी साहित्य जैसे - 📖 *मरणोत्तर जीवन*, 📖 *पितर हमारे अदृश्य सदस्य*, 📖 *मरने के बाद हमारा क्या होता है?* ₹1000
4- किसी गौशाला में दान दे दीजिए।
5- माता भगवती भोजनालय में दान दे दीजिए।
कभी भी किसी शक्तिपीठ में जाना हो वहाँ वर्ष में कभी भी श्राद्ध-तर्पण उनके लिए कर दीजियेगा।
घर में यदि बलिवैश्व तांबे का पात्र हो या गोमयकुंड हो तो उसमें प्रत्येक दिन चावल की खीर बनाकर बलिवैश्व की पांच आहुतियां दे दें:-
*बलिवैश्व देव यज्ञ मंन्त्र* -
1- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *ब्रह्मणे* इदं न मम्
2- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *देवेभ्य:* इदं न मम्
3- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *ऋषिभ्य:* इदं न मम्
4- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *नरेभ्यः* इदं न मम्
5- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *भूतेभ्यः* इदं न मम्
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर- आत्मीय बहन, भगवान व पितर समझते हैं कि आपकी परिस्थिति भारतीय परम्परानुसार पंचबलि वहाँ करने की सम्भव नहीं है। लेकिन मनःस्थिति तो आपके बस में है, मनःस्थिति व कुछ स्थूल प्रतीकों से आप पितर पक्ष में अपनी श्रध्दा अर्पित कर सकते हैं।
पितृ पक्ष में नित्य तीन माला गायत्री की उनकी क्रमशः मुक्ति, तृप्ति एवं शांति के लिए कर दीजिए।
पांच दीपकों के माध्यम से दीपयज्ञ करके उनकी मुक्ति, तृप्ति व शांति के लिए हृदय से प्रार्थना कर दीजिए।
तीन अंजुली जल गमले में डालते हुए गायत्री मंत्र पहले बोलिये, फिर कहिए:-
पितर मुक्त हों मुक्त हों मुक्त हों
पितर तृप्त हों तृप्त हों तृप्त हों
पितर शांत हों शांत हों शांत हों
एक पाठ गीता का रोज बोलते हुए उनकी मुक्ति के लिये कर दीजिए।
कुछ ज्ञान साहित्य पितरों के नाम पर बंटवा दीजिये:-
1- स्कूलों में 501 प्रतियाँ हिंदी *हारिये न हिम्मत(₹5)* या इंग्लिश *loose not your heart(₹10)* बंटवा दीजिये।
2- पितरों के नाम पर किसी इंडियन के घर *वेद स्थापना ₹1501* में करवा दीजिये।
3- पितरों सम्बन्धी साहित्य जैसे - 📖 *मरणोत्तर जीवन*, 📖 *पितर हमारे अदृश्य सदस्य*, 📖 *मरने के बाद हमारा क्या होता है?* ₹1000
4- किसी गौशाला में दान दे दीजिए।
5- माता भगवती भोजनालय में दान दे दीजिए।
कभी भी किसी शक्तिपीठ में जाना हो वहाँ वर्ष में कभी भी श्राद्ध-तर्पण उनके लिए कर दीजियेगा।
घर में यदि बलिवैश्व तांबे का पात्र हो या गोमयकुंड हो तो उसमें प्रत्येक दिन चावल की खीर बनाकर बलिवैश्व की पांच आहुतियां दे दें:-
*बलिवैश्व देव यज्ञ मंन्त्र* -
1- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *ब्रह्मणे* इदं न मम्
2- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *देवेभ्य:* इदं न मम्
3- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *ऋषिभ्य:* इदं न मम्
4- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *नरेभ्यः* इदं न मम्
5- ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् स्वाहा(आहुतियाँ डालें) इदं *भूतेभ्यः* इदं न मम्
🙏🏻श्वेता, DIYA
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