Saturday 28 September 2019

नवरात्रि में निम्नलिखित कार्य करें

*नवरात्रि में निम्नलिखित कार्य करें:-*
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1- किसी का दिमाग़ न खाएं व बकबक न करें, घर के बच्चों व जीवनसाथी पर 9 दिन बेवजह गुस्सा न निकालें, क्योंकि दिमाग़ खाना व नॉनवेज खाना बराबर है।

2- व्रत के दिनों भूख कुछ लोगों को सहन नहीं होती, जो स्वतः क्रोध के रूप में अभिव्यक्त होती है। व्रत करके आप किसी पर अहसान नहीं कर रहे, स्वयं के आत्म उत्थान के लिए व्रत कर रहे हैं।तो आत्म पतन के कारण क्रोध का त्याग करें।

3- इन नौ दिनों भाषण, प्रवचन, सलाह देने से जितना सम्भव बचें क्योंकि बिना मांगे सलाह देने पर वह आपकी ऊर्जा को व्यर्थ करेगा। जीवन मे जो कुछ घट रहा है उसके लिए स्वयं के कर्मफ़ल को स्वीकारे। व शांत रहें।

4- जीवनसाथी को सुधारने की प्रक्रिया 9 दिनों तक स्थगित कर दें। व इन 9 दिनों स्वयं को सुधारने में लगा दें।

5- मातृसत्ता भगवती को स्वयं में धारण कर लें, घर में बुजुर्ग हो या बच्चा सबको मातृवत दृष्टि से देखें, उनके दोषों को क्षमा कर दें। माता की तरह आत्मियता व सम्वेदना का विस्तार कीजिये।

6- अगर कोई घर में आपके गुरु व ईष्ट को गाली दे तो भी उसे क्षमा कर दें, क्योंकि उसकी शरीर की उम्र बढ़ी है व शरीर की आकृति से वो इंसान है। मगर प्रकृति से अभी वो पशुवत व बालबुद्धि है। उसकी सद्बुद्धि की प्रार्थना करके उसे इग्नोर कर दें। अब जिस प्रकार पशु प्रधानमंत्री व आम इंसान में फर्क नहीं कर सकता वैसे ही मूर्ख, पशु चेतना युक्त व बाल बुद्धि गुरुचेतना व आम इंसान में फर्क नहीं कर सकता।

7- साधना के दौरान नित्य के लौकिक कर्तव्यों की उपेक्षा न करें। नित्य लौकिक गृहकार्य व जिम्मेदारियों को भी निभाते चलें।

8- यदि भोजन आप पकाती हैं तो प्रार्थना करें कि यह भोजन प्रसाद करके मेरे परिवार को सद्बुद्धि मिले, स्वास्थ्य मिले, शांति मिले व तृप्ति मिले।

9- यदि आप कमाने वाले हैं तो प्रार्थना करें कि प्रभु आपकी कृपा से कमा रहा हूँ, इस कमाई पर पलने वाले घर परिवार के सदस्यों को सद्बुद्धि मिले, स्वास्थ्य मिले, शांति मिले व तृप्ति मिले।

10- रोज़ भगवान को धन्यवाद जीवन के लिए कहना न भूलें, व स्वयं को नित्य अहसास दें कि आप सर्वशक्तिमान माता भगवती के गर्भ में नौ दिन साधना कर रहे है। माता आपके स्थूल, सूक्ष्म व कारण शरीर को बलवान व शक्ति सम्पन्न बना रही हैं। अब आप क्योंकि माता आद्यशक्ति की सन्तान है तो उनके समस्त गुण आपके भीतर जागृत हो रहे हैं। आप देवता बन रहे हैं।

🙏🏻 श्वेता, DIYA

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