Sunday 29 September 2019

कविता - *जीवन में कुछ पाना है,* *तो दर्द व संघर्ष से गुजरना होगा।*

कविता - *जीवन में कुछ पाना है,*
 *तो दर्द व संघर्ष से गुजरना होगा।*

मेरे बेटे,
पेंसिल से कुछ लिखना है,
तो पेंसिल को कटर के दर्द से गुज़रना होगा,
जीवन में हमें भी कुछ पाना है,
तो हमें भी दर्द व संघर्ष से गुज़रना होगा।

तुम्हें जन्म देने में,
मैं भी दर्द व संघर्ष से गुजरी,
प्रसवपीड़ा सहकर ही,
तुम्हें गोद में पा सकी।

महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़ोगे,
तो उन्हें भी दर्द सहते व संघर्ष करते पाओगे,
वर्तमान के सफ़ल लोगों के जीवन में झांकोगे,
तो उन्हें भी दर्द सहते व संघर्ष करते ही पाओगे।

दर्द व संघर्ष ही,
मानव जीवन का कटु सत्य है,
बिन दर्द व संघर्ष के,
यह सृष्टि ही नहीं सम्भव है।

मेरे बेटे,
संघर्ष से कभी न डरना,
दर्द सहने से पीछे न हटना,
कुछ कर गुज़रने के लिए,
हर पल संघर्षरत रहना।

ध्यान रखो मेरे बच्चे,
वीर भोग्या वसुंधरा है,
वीरों के लिए ही बनी,
यह सुंदर दिव्य धरा है।

भगवान से कभी,
फूलों भरी राह मत माँगना,
भगवान से सदा,
लोहे के मजबूत जूते माँगना।

भगवान से कभी,
धन धान्य व सुख मत माँगना,
भगवान से सदा,
अतुलित बल माँगना,
धन धान्य कमाने के लिए,
बुद्धि व सामर्थ्य माँगना,
संघर्ष व दर्द सहने के लिए,
साहस व धैर्य माँगना,
अपना भाग्य अच्छा लिखने के लिए,
कर्म में कुशलता माँगना।

🙏🏻श्वेता, DIYA

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