प्रश्न- *दी,घर के बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि पितृपक्ष व श्राद्ध में नया कपड़ा नहीं पहनते। कोइ नया काम भी नही करते क्या ये सही है?*
उत्तर- आत्मीय बहन, किसी भी धर्मग्रंथ में नहीं लिखा कि पितृ पक्ष में नया सामान, वस्त्र नहीं खरीदना चाहिए या कोई नया काम नहीं करना चाहिए। यदि कोई पितरों व देवताओं का पूजन करके उनका भोजन अंश निकाल कर कोई नया कार्य करता है या नया वस्त्र पहनता है, तो न पितृ नाराज़ होते हैं न देवता।
नया वस्त्र व नया कार्य इसलिए लोग मना करते हैं क्योंकि इस समय आप स्वयं की इच्छापूर्ति में न लगें, अपितु जो पितर हैं उनकी मुक्ति, सद्गति व शांति हेतु उन्हें प्रशन्न करने हेतु आध्यात्मिक जप तप में लगे। क्योंकि नए कार्य में लगने पर अतिव्यस्तता में पितरों की संतुष्टि के लिए आध्यात्मिक क्रम छूट सकता है। यदि आप देवपूजन, पितर पूजन व नया कार्य सभी समान व व्यवस्थित रूप से कर सकते हैं तो करें। पितरो के आशीर्वाद से और देवताओं के आशीर्वाद वो नया कार्य फलेगा। सफल होगा।
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर- आत्मीय बहन, किसी भी धर्मग्रंथ में नहीं लिखा कि पितृ पक्ष में नया सामान, वस्त्र नहीं खरीदना चाहिए या कोई नया काम नहीं करना चाहिए। यदि कोई पितरों व देवताओं का पूजन करके उनका भोजन अंश निकाल कर कोई नया कार्य करता है या नया वस्त्र पहनता है, तो न पितृ नाराज़ होते हैं न देवता।
नया वस्त्र व नया कार्य इसलिए लोग मना करते हैं क्योंकि इस समय आप स्वयं की इच्छापूर्ति में न लगें, अपितु जो पितर हैं उनकी मुक्ति, सद्गति व शांति हेतु उन्हें प्रशन्न करने हेतु आध्यात्मिक जप तप में लगे। क्योंकि नए कार्य में लगने पर अतिव्यस्तता में पितरों की संतुष्टि के लिए आध्यात्मिक क्रम छूट सकता है। यदि आप देवपूजन, पितर पूजन व नया कार्य सभी समान व व्यवस्थित रूप से कर सकते हैं तो करें। पितरो के आशीर्वाद से और देवताओं के आशीर्वाद वो नया कार्य फलेगा। सफल होगा।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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