Monday, 16 September 2019

प्रश्न- *दी, क्या करमाला द्वारा किए गए जप का कोई महत्व है? अगर है तो क्या ??*

प्रश्न- *दी, क्या करमाला द्वारा किए गए जप का कोई महत्व है? अगर है तो क्या ??*

उत्तर- आत्मीय बहन, उपासना के दौरान निश्चित संख्या में मंत्र जप के लिए जप करने हेतु माला का उपयोग किया जाता है, किंतु शास्त्रों में मंत्रों की गिनती के लिए ऐसा तरीका भी बताया गया है, जो किसी कारणवश जप माला न होने पर भी उतना ही कारगर, उपयोगी और शुभ माना जाता है।

यह तरीका है - करमाला यानी उंगलियों पर मंत्रों की गिनती से मंत्र जप।

घर से बाहर होने पर या जप माला न उपलब्ध हो, तो जानिए बिना जप माला उंगलियों पर मंत्रों की गिनती कर मंत्र जप का यह खास उपाय -
- दाएं हाथ की अनामिका यानी रिंग फिंगर के बीच के पोरुओं से शुरू कर कनिष्ठा यानी लिटिल फिंगर के पोरुओं से होते हुए तर्जनी यानी इंडेक्स फिंगर के मूल तक के 10 पोरुओं को गिन मंत्र जप करें।
- अनामिका यानी रिंग फिंगर के बीच के शेष 2 पोरुओं को माला का सुमेरू मानकर पार न करें।
- दाएं हाथ पर दस मंत्र की गिनती कर बाएं हाथ की अनामिका यानी मिडिल फिंगर के बीच के पोरुओं से दहाई की एक संख्या गिने।
- दाएं हाथ के साथ बाएं हाथ पर दहाई के दस बार मंत्र गिनने पर 100 मंत्र संख्या पूरी हो जाती है।

- आखिरी आठ मंत्र जप के लिए फिर से दाएं हाथ पर ही उसी तरह अनामिका यानी मिडिल फिंगर के मध्य भाग से गिनती शुरू कर शेष 8 मंत्र जप कर पूरे 108 मंत्र यानी एक माला पूरी की जा सकती है।

करमाला करने की विधि निम्नलिखित वीडियो से सीखिए, व निम्नलिखित चित्र से समझिए।

https://youtu.be/0njEFdAKA3Y

🙏🏻श्वेता, DIYA

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