Sunday, 20 October 2019

*धनतेरस पूजन विधि - 22 अक्टूबर 2012, शनिवार*

*धनतेरस पूजन विधि - 22 अक्टूबर 2012, शनिवार*

( घर में धन धान्य वृद्धि और सुख शांति के लिए )
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दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि- भगवान महामृत्युंजय शिव और लक्ष्मी- कुबेर की पूजा की जाती है, साथ में धन को कमाने और उसके सदुपयोग की सद्बुद्धि के लिए गायत्री और गणेश के मन्त्रों से पूजा की जाती है।

👉🏻1- गुरु आवाहन मंत्र - *ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुरेव महेश्वरः । गुरुरेव परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।*

👉🏻2 - गणेश आवाहन मन्त्र - *ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात ।।*

👉🏻3- लक्ष्मी आवाहन मंत्र - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।*


👉🏻४ -दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को प्रज्वल्लित करें )-

*ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा । सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः स्वाहा । अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा । सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च: स्वाहा । ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा ।।*

👉🏻5 - चौबीस(२४) बार गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।*

👉🏻6- तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें - *ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।*

👉🏻7 - तीन बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॥*

👉🏻8 - तीन बार गणेश मंत्र का जप करें - *ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥*

👉🏻9 - तीन बार कुबेर का मंत्र जप करें - *ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय प्रचोदयात्॥*

👉🏻10-  तीन बार आरोग्य देवता धन्वन्तरि गायत्री मन्त्र का जप करें- *ॐ तत् पुरुषाय विद्महे, अमृत कलश हस्ताय धीमहि, तन्नो धन्वन्तरि  प्रचोदयात्*

👉🏻11 - शान्तिपाठ - *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।*

दीपक नकारात्मकता का शमन कर सकारात्मक दैवीय शक्तियों को घर में प्रवेश देता है। इसलिए दीपक की जगह विद्युत् से जलने वाली led या किसी भी प्रकार की लाईट नहीं ले सकती। घर के मुख्य् द्वार पर दो घी या सरसों या तिल के तेल के रुई बाती वाले दीपक, एक तुलसी के पास, एक रसोईं में और एक बड़ा मुख्य् दीपक सूर्यास्त के बाद जलाकर रख दें। फिर कलश स्थापना कर पूजन करें। दीपयज्ञ/दीपदान के बाद घर की तिज़ोरी/लेपटॉप/बैंक की पासबुक इत्यादि का पूजन अवश्य करें।
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👉🏻प्रथम दिन - *धनतेरस पूजा व दीपदान मुहूर्त*- 22 अक्टूबर 2022,  शनिवार

*धनतेरस मुहूर्त* : शाम 7 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर रात्रि 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा

उपरोक्त में लाभ समय में पूजन करना लाभों में वृ्द्धि करता है. शुभ काल मुहूर्त की शुभता से धन, स्वास्थय व आयु में शुभता आती है. सबसे अधिक शुभ अमृ्त काल में पूजा करने का होता है.

*Optional*- घर में बना हलवा या खीर प्रसाद में चढ़ाएं। यदि बजट है तो चांदी या स्वर्ण का कुछ भी सामान ख़रीद ले शाम 6:30 से पहले, उसे दूध में नहला के पूजन स्थल में साफ़ स्टील की कटोरी में लाल वस्त्र के ऊपर रख लें। उसका तिलक चन्दन कर पूजन के पश्चात् तिज़ोरी में रख दें, दीपावली के दिन पुनः उसका पुजन होगा।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन

इतने दिनों पूर्व भेजने से आप सभी अपने ईष्ट मित्रों को समय से पूर्व फारवर्ड कर दें। इतनी विधिवत् जानकारी सभी देवताओं के मन्त्र के साथ धनतेरस की अन्यत्र मिलना मुश्किल है। अतः शठ कर्म और कलश पूजन हेतु 📖 *कर्मकाण्ड प्रदीप्त* शांतिकुंज पब्लिकेशन की पुस्तक की मदद ले।

कुछ युगनिर्माण योजना मथुरा  प्रकाशन की पुस्तकें जिनके स्वाध्याय से अमीर बनने के रहस्य पता चलेंगे, जरूर धनतेरस के दिन पढ़े:-
1- धनवान बनने के गुप्त रहस्य
2- सफलता के सात सूत्र साधन
3- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
4- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
5- आगे बढ़ने की तैयारी

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