Monday 7 October 2019

कविता - श्रीराम से रावण क्यों हारा?*

*आपको व आपके परिवार को विजयादशमी की शुभकामनाएं*
🌹🌹🌹

*श्रीराम से रावण क्यों हारा?*

मेरे बेटे सोचो और बताओ तो....
श्रीराम से रावण क्यों हारा?

देवताओं को जिस रावण ने जीत लिया,
मृत्यु को भी जिसने खूंटे में बांध लिया,
त्रिलोक विजयी वो महाबलवान रावण,
फ़िर श्री राम से क्यों हारा?

वेदों-उपनिषदों का ज्ञाता रावण था,
तपबल भक्तिबल भी उसमें अपार था,
ऐसा भक्तशिरोमणि शिवभक्त रावण,
फ़िर श्री राम से क्यों हारा?

बलशाली राक्षसों का संगठन था,
वरदानों से भरा उसका उच्च कुल था,
नर वानर भक्षीयों का स्वामी,
फ़िर श्री राम से क्यों हारा?

मेरे बेटे,
युद्ध राम रावण रूपी,
दो व्यक्तियों के बीच नहीं हुआ था,
युद्ध तो दो चरित्रों के बीच,
घनघोर हुआ था।

युद्ध दो शिवभक्त तपस्वियों के बीच,
नहीं हुआ था,
युद्ध तो तप के उद्देश्यों के बीच,
हुआ था।

युद्ध श्रीराम की पत्नी श्रीसीता के लिए,
नहीं हुआ था,
युद्ध धर्म संस्कृति रूपी सीता के लिए,
लड़ा गया था।

श्रीराम ने युद्ध राज्य विस्तार के लिए,
नहीं लड़ा था,
युद्ध लाखों ऋषियों के हत्यारे रावण को,
दण्डित करने के लिए लड़ा था।

उद्देश्य युद्ध के पीछे,
श्रीराम का बहुत बड़ा था,
रावण के चरित्र से,
श्रीराम का चरित्र बहुत बड़ा था।

एक तरफ़ स्त्रियों को मजबूर करके,
उनसे सम्बन्ध बनाने वाला,
व्यभिचारी रावण था,
दूसरी तरफ़ एक पत्नीव्रत धारी,
मर्यादित श्रीराम थे,
इसलिए महापण्डित रावण,
श्रीराम से हारा,
इसलिए महाबलवान रावण,
श्रीराम से हारा।

मर्यादापुरुषोत्तम से,
अमर्यादित आचरण हारा,
सच्चरित्र श्रीराम से,
दुष्चरित्र रावण हारा।

विजयादशमी पर्व पर,
तुलसीदास जी, यह संदेश देते है,
श्रीराम चरित्र को मानस में,
धारण करो, यह कहते हैं।

🙏🏻श्वेता, DIYA

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