Saturday 19 October 2019

प्रश्न - *यज्ञ क्या एक विज्ञान है?*

प्रश्न - *यज्ञ क्या एक विज्ञान है?*

उत्तर- समस्या यह है कि आधुनिक जगत में यह प्रश्न पूंछने वाले *विज्ञान* क्या है यह नहीं जानते। यदि वो विज्ञान शब्द की समझ रखेंगे तब ही *यज्ञ एक विज्ञान* है समझ सकेंगे।

इस जगत में प्रकृति के किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान विशेष व्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान (Science) कहते हैं।
विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान या विद्या है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलती है, जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धान्तों को जानने के लिये किये जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है। इस प्रकार कह सकते हैं कि किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कहते है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के 'ज्ञान-भण्डार' के बजाय वैज्ञानिक विधि विज्ञान की असली कसौटी है। Or प्रकृति मे उपस्थित वस्तुओं के क्रमबध्द अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने को ही विज्ञान कहते हैं। या किसी भी वस्तु के बारे मे विस्तृत ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं ।

औषधीय धूम्र चिकित्सा, ध्वनि चिकित्सा, मन्त्र चिकित्सा, ऊर्जा चिकित्सा का सँयुक्त रूप यज्ञ है। क्योंकि इसका विधिवत, व्यवस्थित विशेष क्रमबद्ध ज्ञान हमारे पास उपलब्ध है, इसे हज़ारों वर्षो से लेकर आज तक प्रकृति के सन्तुलन, पर्यावरण संवर्धन और रोगोपचार के लिए उपयोग में लिया गया है।

इसका परीक्षण कभी भी कहीं भी किया जा सकता है। इसके प्रभाव 90% चेतन स्तर के सूक्ष्म हैं तो 10% स्थूल स्तर के भी हैं। स्थूल स्तर को आधुनिक मशीनों से जांचा परखा जा सकता है जैसे पॉल्युशन पर प्रभाव और रोगाणुओं की हवा में कमी इत्यादि तो हवा का यज्ञ से पूर्व सैम्पल लेकर और यज्ञ के चार से आठ घण्टे बाद के हवा के सैम्पल लेकर उसकी जांच की जा सकती है। परिणाम देखा जा सकता है।

90% चेतन स्तर को परखने के लिए यज्ञ चिकित्सा से पहले रोगियों का स्ट्रेस लेवल, रक्त जांच व अन्य आंकड़े ले लिए जाते हैं, यज्ञ चिकित्सा के बाद पुनः स्ट्रेस लेवल, रक्त जांच व अन्य आंकड़े लिए जाते हैं। दोनों के अंतर की जांच व स्वास्थ्य लाभ रिपोर्ट से यज्ञ का चेतन प्रभाव भी जांचा व परखा जाता है।

मनुष्य की आंखे जितने कलर देख सकती हैं उतने कलर मशीन नहीं देख सकता हैं। जितनी ध्वनियों की वैरायटी कान सुन सकता है, जितनी ख़ुशबू की वैरायटी कान सुन सकता है, जितनी कल्पनायें मन बुन सकता है, और जो मनुष्य महसूस कर सकता है। यह सब कोई मशीन नहीं कर सकती। मनुष्य से बड़ी चलती फिरती लैब कोई नहीं। अतः स्वयं यज्ञ करके घर परिवार पर पड़ रहे प्रभाव को स्वयं महसूस करें। मन की शांति को स्वयं जांचे। स्वयं प्रमाणित करें कि यज्ञ से कितने लाभान्वित हुए।

*कुछ पुस्तक पढ़ें* :-

यज्ञ एक समग्र उपचार (वांग्मय 26)
यज्ञ का ज्ञान विज्ञान (वांग्मय 25)
यज्ञचिकित्सा

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
दिवाणी इंडिया यूथ असोसिएशन

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