🌹 *देव दीपावली व प्रकाशपर्व - कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली - पूजन विधिविधान, 12 नवम्बर 2019, मंगलवार* 🌹
*देव दीपावली की तिथि*: 12 नवंबर 2019
*पूर्णिमा तिथि आरंभ*: 11 नवंबर 2019 को शाम 06 बजकर 02 मिनट से
*पूर्णिमा तिथि समाप्त*: 12 नवंबर 2019 को शाम 07 बजकर 04 मिनट तक
*दीपावली (Deepawali) के 15 दिनों बाद देव दीपावली (Dev Deepawali) मनाई जाती है।* पौराणिक मान्यताओं के अनुसारा इस दिन भगवान शिव शंकर धरती पर आए थे, मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन ही महादेव ने त्रिपुरा (Tripura) नामक राक्षस का वध कर उसके अत्याचार से देवताओं और धरतीवासियों को मुक्ति दिलाई थी। भगवान शिव के विजयोत्सव को मनाने और अत्याचारी राक्षस के वध की खुशी में देवता गण पृथ्वी पर आए थे और धरतीवासियों के साथ देव दीवाली मनाई थी। यही वजह है कि शिव की नगरी काशी यानी कि वाराणसी में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन धूमधाम से देव दीपावली मनाई जाती है। इस मौके पर लोग दूर-दूर से बनारस आते हैं और गंगा के घाटों पर दीप प्रज्ज्वलित करते हैं। देव दीपावली के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन गंगा पूजा का भी विधान है।
भगवान विष्णु ने जलप्रलय से लोकउद्धार के लिए आज के ही दिन मत्स्यावतार लिया था।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरु नानकदेव जी का जन्मदिन प्रकाशपर्व भी मनाया जाता है।
जो गंगा स्नान कर सकते हैं तो अत्यंत शुभ है, जो न कर सकें वो निम्नलिखित मन्त्र बोलते हुए घर में स्नान कर लें:-
*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*। यह मंत्र बोलते हुए सिर पर जल डालें तो गंगा स्नान का पुण्य होता है।
जो व्रत कर सकें तो और भी शुभ है। न कर सकें तो पूजन तो शाम को कर ही लें।
*देव दीपावली पूजन विधि*
( घर में धन धान्य वृद्धि और सुख शांति के लिए )
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
👉🏻1- गुरु आवाहन मंत्र - *ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुरेव महेश्वरः । गुरुरेव परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।*
👉🏻2- गणेश आवाहन मंत्र - *ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दन्ती: प्रचोदयात् ।*
👉🏻3 - शिव आवाहन मन्त्र - *ॐ पंचवक्त्राय विद्महे, महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।*
👉🏻4- दुर्गा आवाहन मंत्र - *ॐ गिरिजाय विद्महे, शिवप्रियाय धीमहि । तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।*
👉🏻5 - नारायण आवाहन मन्त्र - *ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात ।।*
👉🏻6- लक्ष्मी आवाहन मंत्र - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।*
👉🏻7- चन्द्र आवाहन मंत्र - *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻6 -दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को प्रज्वल्लित करें )-
*ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा । सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः स्वाहा । अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा । सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च: स्वाहा । ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा ।।*
👉🏻7 - चौबीस(२४) बार गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।*
👉🏻8- तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें - *ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।*
👉🏻9 - तीन बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॥*
👉🏻10 - तीन बार गणेश मंत्र का जप करें - *ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥*
👉🏻11 - तीन बार दुर्गा के मंत्र का जप करें - *ॐ गिरिजाय विद्महे, शिवप्रियाय धीमहि । तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।*
👉🏻12- तीन बार लक्ष्मीपति भगवान विष्णु गायत्री मन्त्र का जप करें- *नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात।*
👉🏻13 - तीन बार चन्द्र गायत्री मंत्र का जप करें- *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻14 - तीन बार हनुमानजी के मंत्र का जप करें क्योंकि कल मंगलवार भी है- *ॐ अंजनी सुताय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि । तन्नो मारुति: प्रचोदयात् ।*
👉🏻14 - शान्तिपाठ - *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।*
दीपक नकारात्मकता का शमन कर सकारात्मक दैवीय शक्तियों को घर में प्रवेश देता है। घर के मुख्य् द्वार पर दो घी या सरसों या तिल के तेल के रुई बाती वाले दीपक, एक तुलसी के पास, एक रसोईं में और एक बड़ा मुख्य् पूजन स्थल पर दीपक सूर्यास्त के बाद जलाकर रख दें। फिर कलश स्थापना कर पूजन करें।
खीर प्रसाद में मखाना डालकर चढ़ाएं।
आज के दिन बलिवैश्व देव यज्ञ भी खीर से ही करें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
सभी अपने ईष्ट मित्रों को समय से पूर्व फारवर्ड कर दें। अतः षट कर्म और कलश पूजन हेतु 📖 *कर्मकाण्ड प्रदीप्त* शांतिकुंज पब्लिकेशन की पुस्तक की मदद ले।
कुछ युगनिर्माण योजना मथुरा प्रकाशन की पुस्तकें जिनके स्वाध्याय से अमीर बनने के रहस्य पता चलेंगे, जरूर धनतेरस के दिन पढ़े:-
1- धनवान बनने के गुप्त रहस्य
2- सफलता के सात सूत्र साधन
3- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
4- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
5- आगे बढ़ने की तैयारी
*देव दीपावली की तिथि*: 12 नवंबर 2019
*पूर्णिमा तिथि आरंभ*: 11 नवंबर 2019 को शाम 06 बजकर 02 मिनट से
*पूर्णिमा तिथि समाप्त*: 12 नवंबर 2019 को शाम 07 बजकर 04 मिनट तक
*दीपावली (Deepawali) के 15 दिनों बाद देव दीपावली (Dev Deepawali) मनाई जाती है।* पौराणिक मान्यताओं के अनुसारा इस दिन भगवान शिव शंकर धरती पर आए थे, मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन ही महादेव ने त्रिपुरा (Tripura) नामक राक्षस का वध कर उसके अत्याचार से देवताओं और धरतीवासियों को मुक्ति दिलाई थी। भगवान शिव के विजयोत्सव को मनाने और अत्याचारी राक्षस के वध की खुशी में देवता गण पृथ्वी पर आए थे और धरतीवासियों के साथ देव दीवाली मनाई थी। यही वजह है कि शिव की नगरी काशी यानी कि वाराणसी में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन धूमधाम से देव दीपावली मनाई जाती है। इस मौके पर लोग दूर-दूर से बनारस आते हैं और गंगा के घाटों पर दीप प्रज्ज्वलित करते हैं। देव दीपावली के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन गंगा पूजा का भी विधान है।
भगवान विष्णु ने जलप्रलय से लोकउद्धार के लिए आज के ही दिन मत्स्यावतार लिया था।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरु नानकदेव जी का जन्मदिन प्रकाशपर्व भी मनाया जाता है।
जो गंगा स्नान कर सकते हैं तो अत्यंत शुभ है, जो न कर सकें वो निम्नलिखित मन्त्र बोलते हुए घर में स्नान कर लें:-
*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*। यह मंत्र बोलते हुए सिर पर जल डालें तो गंगा स्नान का पुण्य होता है।
जो व्रत कर सकें तो और भी शुभ है। न कर सकें तो पूजन तो शाम को कर ही लें।
*देव दीपावली पूजन विधि*
( घर में धन धान्य वृद्धि और सुख शांति के लिए )
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
👉🏻1- गुरु आवाहन मंत्र - *ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुरेव महेश्वरः । गुरुरेव परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।*
👉🏻2- गणेश आवाहन मंत्र - *ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दन्ती: प्रचोदयात् ।*
👉🏻3 - शिव आवाहन मन्त्र - *ॐ पंचवक्त्राय विद्महे, महादेवाय धीमहि । तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।*
👉🏻4- दुर्गा आवाहन मंत्र - *ॐ गिरिजाय विद्महे, शिवप्रियाय धीमहि । तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।*
👉🏻5 - नारायण आवाहन मन्त्र - *ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात ।।*
👉🏻6- लक्ष्मी आवाहन मंत्र - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।*
👉🏻7- चन्द्र आवाहन मंत्र - *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻6 -दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को प्रज्वल्लित करें )-
*ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा । सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः स्वाहा । अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा । सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च: स्वाहा । ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा ।।*
👉🏻7 - चौबीस(२४) बार गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।*
👉🏻8- तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें - *ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।*
👉🏻9 - तीन बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॥*
👉🏻10 - तीन बार गणेश मंत्र का जप करें - *ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥*
👉🏻11 - तीन बार दुर्गा के मंत्र का जप करें - *ॐ गिरिजाय विद्महे, शिवप्रियाय धीमहि । तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् ।*
👉🏻12- तीन बार लक्ष्मीपति भगवान विष्णु गायत्री मन्त्र का जप करें- *नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात।*
👉🏻13 - तीन बार चन्द्र गायत्री मंत्र का जप करें- *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻14 - तीन बार हनुमानजी के मंत्र का जप करें क्योंकि कल मंगलवार भी है- *ॐ अंजनी सुताय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि । तन्नो मारुति: प्रचोदयात् ।*
👉🏻14 - शान्तिपाठ - *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।*
दीपक नकारात्मकता का शमन कर सकारात्मक दैवीय शक्तियों को घर में प्रवेश देता है। घर के मुख्य् द्वार पर दो घी या सरसों या तिल के तेल के रुई बाती वाले दीपक, एक तुलसी के पास, एक रसोईं में और एक बड़ा मुख्य् पूजन स्थल पर दीपक सूर्यास्त के बाद जलाकर रख दें। फिर कलश स्थापना कर पूजन करें।
खीर प्रसाद में मखाना डालकर चढ़ाएं।
आज के दिन बलिवैश्व देव यज्ञ भी खीर से ही करें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
सभी अपने ईष्ट मित्रों को समय से पूर्व फारवर्ड कर दें। अतः षट कर्म और कलश पूजन हेतु 📖 *कर्मकाण्ड प्रदीप्त* शांतिकुंज पब्लिकेशन की पुस्तक की मदद ले।
कुछ युगनिर्माण योजना मथुरा प्रकाशन की पुस्तकें जिनके स्वाध्याय से अमीर बनने के रहस्य पता चलेंगे, जरूर धनतेरस के दिन पढ़े:-
1- धनवान बनने के गुप्त रहस्य
2- सफलता के सात सूत्र साधन
3- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
4- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
5- आगे बढ़ने की तैयारी
No comments:
Post a Comment