Monday, 11 November 2019

प्रश्न - *दी, हम ऐसा क्या करें कि आलस्य व नींद न आये?*

प्रश्न - *दी, हम ऐसा क्या करें कि आलस्य व नींद न आये?*

उत्तर- बेटी, आलस्य दो प्रकार का होता है, शारिरिक व मानसिक:-

1- आलस्य शरीर करता है,
2- मन के आलस्य को प्रमाद कहते हैं

*स्वयं से चार प्रश्न करो कि..*

👉🏻 प्रश्न - 1- क्या मेरा नित्य का भोजन पर्याप्त ऊर्जा देता है? क्या इसमें जीवित ऊर्जा कण जैसे फ़ल, ड्राइफ्रूट्स, भीगे हुए कच्चे अंकुरित अनाज व हरी सब्जियां सम्मिलित हैं?

👉🏻प्रश्न - 2- क्या मैं नित्य व्यायाम करती हूँ?

👉🏻 प्रश्न- 3 ऐसा कोई लक्ष्य मेरे जीवन में है, जिसको पूरा करने के लिए मेरे मन में जुनून हो, क्या मेरे दिमाग़ में क्लियर है, एक दिन में क्या करना है, एक सप्ताह तक क्या लक्ष्य प्राप्त करना है, एक महीने में क्या लक्ष्य प्राप्त करना है, एक वर्ष में क्या क्या प्राप्त करना है? इन सब के लिए क्या, क्यों, कैसे और कब तक करना है?

👉🏻 प्रश्न- 4 - क्या मन को ऊर्जावान बनाने के लिए, इच्छाशक्ति को बढ़ाने के लिए व मानसिक व्यायाम के लिए नित्य गायत्री मंत्रजप- उगते हुए सूर्य का ध्यान व अच्छी प्रेरक पुस्तकों स्वाध्याय करती हूँ?

🙏🏻 *यदि उत्तम सात्विक व पौष्टिक भोजन है और नित्य व्यायाम तुम करोगी तो शरीर में आलस्य पैदा नहीं होगा।*

🙏🏻 *यदि तुम्हें तुम्हारा जीवन लक्ष्य क्लियर है, मन को ऊर्जावान बनाने के उपक्रम जप-ध्यान-स्वाध्याय नित्य करती हो तो तुम्हारे मन में आलस्य जिसे प्रमाद कहते हैं नहीं उपजेगा।*

🙏🏻 *तुम्हें नींद अभी ज्यादा इसलिए आती है, क्योंकि तुम्हारे शरीर व मन में आलस्य भरा है, यदि तुम शरीर व मन को ऊर्जावान बना लोगी तो गहरी नींद आएगी व कुछ घण्टों में पूरी हो जाएगी व शरीर को स्फूर्तिदायक बनाएगी। पूरे दिन नींद नहीं आएगी।*

निम्नलिखित पुस्तक अवश्य पढ़ो-
1- *जीवन लक्ष्य और उसकी प्राप्ति*
2- *समय का सदुपयोग*
3- *सफ़लता के सात सूत्र साधन*
4- *प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल*
5- *व्यवस्था बुद्धि की गरिमा*

🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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