प्रश्न - *हम लगातार अपनी बुरी आदतों और कुसंस्कारों दूर करने हेतु प्रयत्नशील रहते हैं। अपने जीवन की प्रगति के लिए और स्वाध्याय भी करते हैं। कुछ दिनों तक तो सब ठीक चलता है फ़िर पुनः पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं, कुसंस्कार व बुरी आदतें हम पर पुनः हावी हो जाते हैं। इससे मन उदास व आत्मविश्वास तार तार हो जाता है। क्या करें?*
उत्तर- आत्मीय भाई,
👇🏻
*कुछ प्रश्न स्वयं से पूँछो:-*
पान सड़ा क्यों?
घोड़ा अड़ा क्यों?
विद्या भूली क्यों?
रोटी जली क्यों?
🙏🏻
उपरोक्त का उत्तर है कि *बिना फेरे*
पान को रोज ऊपर नीचे नहीं करोगे तो पान सड़ जाएगा।
घोड़ा रोज़ दौड़ाओगे नहीं तो घोड़ा अड़ेगा।
रोज़ पढ़ोगे नहीं तो विद्या भूल जाओगे।
बिना सतर्कता के रोटी उल्टोगे पलटोगे नहीं तो रोटी जल जाएगी।
👇🏻
*अच्छा कुछ और प्रश्न स्वयं से पूँछो?*
शरीर को नित्य क्यों नहलाना होता है?
घर में रोज क्यों झाड़ू पोछा करना पड़ता है?
नित्य जॉब में क्यों जाना पड़ता है?
🙏🏻 यह उपरोक्त बोरिंग कार्य नित्य करने पड़ेंगे अन्यथा शरीर गन्दा होगा, घर गन्दा हो जाएगा, जॉब छूट जाएगी व इनकम बन्द हो जाएगी।
भाई मेरे समस्या यह है कि मनुष्य को बार-बार करने वाला एक जैसा कार्य बोरिंग लगता है, ऊब जाता है, फ्रस्ट्रेट हो जाता है। वह चाहता है कि कुछ ऐसा उपाय उसे पता चले कि केवल एक बार नहाए और वर्षो तक स्वच्छ रहे। केवल एक बार झाड़ू पोछा करे और घर वर्षो तक साफ रहे। केवल एक दिन ऑफिस जाए और वर्षों तक सैलरी मिलती रहे।
कुसंस्कार गन्दगी की तरह है, जिनकी सफ़ाई के लिए नित्य स्वाध्याय, ध्यान, जप व तप करना ही पड़ेगा। अब वह रुचिकर लगे या न लगे नित्य तो करना पड़ेगा। अन्यथा वो पुनः हावी होंगे।
जिस तरह मन को यह समझा दिया है कि नित्य नहाना, घर की साफ सफाई इत्यादि जरूरी है। वैसे ही मन को यह समझा दें कि कुसंस्कार की सफाई हेतु नित्य प्रयत्न करना पड़ेगा।
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर- आत्मीय भाई,
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*कुछ प्रश्न स्वयं से पूँछो:-*
पान सड़ा क्यों?
घोड़ा अड़ा क्यों?
विद्या भूली क्यों?
रोटी जली क्यों?
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उपरोक्त का उत्तर है कि *बिना फेरे*
पान को रोज ऊपर नीचे नहीं करोगे तो पान सड़ जाएगा।
घोड़ा रोज़ दौड़ाओगे नहीं तो घोड़ा अड़ेगा।
रोज़ पढ़ोगे नहीं तो विद्या भूल जाओगे।
बिना सतर्कता के रोटी उल्टोगे पलटोगे नहीं तो रोटी जल जाएगी।
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*अच्छा कुछ और प्रश्न स्वयं से पूँछो?*
शरीर को नित्य क्यों नहलाना होता है?
घर में रोज क्यों झाड़ू पोछा करना पड़ता है?
नित्य जॉब में क्यों जाना पड़ता है?
🙏🏻 यह उपरोक्त बोरिंग कार्य नित्य करने पड़ेंगे अन्यथा शरीर गन्दा होगा, घर गन्दा हो जाएगा, जॉब छूट जाएगी व इनकम बन्द हो जाएगी।
भाई मेरे समस्या यह है कि मनुष्य को बार-बार करने वाला एक जैसा कार्य बोरिंग लगता है, ऊब जाता है, फ्रस्ट्रेट हो जाता है। वह चाहता है कि कुछ ऐसा उपाय उसे पता चले कि केवल एक बार नहाए और वर्षो तक स्वच्छ रहे। केवल एक बार झाड़ू पोछा करे और घर वर्षो तक साफ रहे। केवल एक दिन ऑफिस जाए और वर्षों तक सैलरी मिलती रहे।
कुसंस्कार गन्दगी की तरह है, जिनकी सफ़ाई के लिए नित्य स्वाध्याय, ध्यान, जप व तप करना ही पड़ेगा। अब वह रुचिकर लगे या न लगे नित्य तो करना पड़ेगा। अन्यथा वो पुनः हावी होंगे।
जिस तरह मन को यह समझा दिया है कि नित्य नहाना, घर की साफ सफाई इत्यादि जरूरी है। वैसे ही मन को यह समझा दें कि कुसंस्कार की सफाई हेतु नित्य प्रयत्न करना पड़ेगा।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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