प्रश्न - *हमारे बच्चे बड़े हो गए हैं कॉलेज पास कर चुके हैं, हम साधनारत भी हैं और काम विकार से मुक्त होना चाहते हैं। मगर काम वासना हम दोनों पर बहुत हावी है। मैंने सुना है कि सन्यास लेते वक़्त ऋषिमुनि कुछ औषधियों का सेवन करवाते थे?*
उत्तर - अत्यधिक कामवासना रोग की निशानी है। साधारण काम वासना गृहस्थ के लिए अनिवार्य है। क्योंकि गृहस्थ उद्देश्यों व सन्तान उत्तपत्ति का दायित्व पूर्ण हुआ तो आप कुछ शास्त्रोक्त विधि अपना सकते हैं।
सर्वप्रथम विपश्यना ध्यान करना शुरू कीजिए, यह विधि आपको पँच कर्मेन्द्रिय, पँच ज्ञानेन्द्रिय व एक मन पर नियंत्रण प्रदान करेगी। विधि निम्नलिखित वीडियो देखकर सीख लीजिये, इस वीडियो के अंत मे विपश्यना ध्यान करवाया गया है:-
https://youtu.be/TOev96BPYDc
कामभावना का दमन रोगों में प्रवेश है। काम की जड़ को समझकर सर्वप्रथम कामभावना का शमन स्वास्थ्यकर है।
कामोत्तेजक विचारों का चिंतन व काम भावना को बढाने वाले टीवी सीरियल, फिल्मों, मैगज़ीन इत्यादि का त्याग कर दें। अच्छे साहित्य का नित्य स्वाध्याय व नित्य गायत्री मन्त्रलेखन प्रारम्भ कर दीजिए।
कुछ औषधियां भी है, शास्त्रों में इन्हें इसलिए बताया गया है, यह चीजें उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती थी जो कामवासना को खुद से दूर रखना चाहते थे।
जैसे कि हमारे साधू-संत होते हैं तो उनके लिए कामवासना को रोकना बहुत ही जरुरी होता है तो वह लोग इन चीजों का उपयोग करते थे।ऐसा मैने पढ़ा है कि इनके उपयोग से एक पुरुष काममुक्त हो जाता है-
1. *केले के पेड़ की जड़ का रस*
यह बात सबसे अधिक प्रचलित है कि यदि किसी व्यक्ति को केले के जड़ का रस पानी में मिलाकर पिला दिया जाए तो इससे वह व्यक्ति कुछ ही दिनों में नपुंसक बन जाता है। आपके यहाँ यदि केले का पेड़ गमले में है तो ध्यान दें कि केले के पेड़ की कुछ जड़े गमले से बाहर निकल रही होंगी, तो उन्हें काटकर, उनका रस पीसने के बाद निकाल लें और इसको पानी में मिलाकर कुछ दो बार से तीन बार पी लेने के बाद पुरुष में नपुंसकता आने लगती है।
1. *केले के पेड़ की जड़ का रस*
यह बात सबसे अधिक प्रचलित है कि यदि किसी व्यक्ति को केले के जड़ का रस पानी में मिलाकर पिला दिया जाए तो इससे वह व्यक्ति कुछ ही दिनों में नपुंसक बन जाता है। आपके यहाँ यदि केले का पेड़ गमले में है तो ध्यान दें कि केले के पेड़ की कुछ जड़े गमले से बाहर निकल रही होंगी, तो उन्हें काटकर, उनका रस पीसने के बाद निकाल लें और इसको पानी में मिलाकर कुछ दो बार से तीन बार पी लेने के बाद पुरुष में नपुंसकता आने लगती है।
2. *पुरुष को आम का अचार खाना क्यों मना है?*
आपने सुना ही होगा कि पुरुष को आम का अचार खाने से मना किया जाता है। इसके पीछे का जो मुख्य कारण है वह यही है कि आम का अचार यदि एक पुरुष लगातार खाता है तो उसके अन्दर नपुंसकता आ जाती है। इसीलिए जो गृहस्थ हैं उन पुरुषों को खट्टा नहीं खाना चाहिए। जो कामभावना नहीं चाहते वे अचार का सेवन करें।
आपने सुना ही होगा कि पुरुष को आम का अचार खाने से मना किया जाता है। इसके पीछे का जो मुख्य कारण है वह यही है कि आम का अचार यदि एक पुरुष लगातार खाता है तो उसके अन्दर नपुंसकता आ जाती है। इसीलिए जो गृहस्थ हैं उन पुरुषों को खट्टा नहीं खाना चाहिए। जो कामभावना नहीं चाहते वे अचार का सेवन करें।
3. *आंवला भी खिलाते रहो*
अगर आप किसी को नामर्द ही बनाना चाहते हैं तो आप उस व्यक्ति को आंवला खिलाते रहें. आपने आजतक आंवला के फायदे ही सुने होंगे लेकिन एक साधू की मानें तो कामवासना को ख़त्म करने के लिए वह लोग आंवला काफी खाते हैं। इसका शारीरिक लाभ तो होता है किन्तु साथ में कामभावना को नियंत्रित करता है।
अगर आप किसी को नामर्द ही बनाना चाहते हैं तो आप उस व्यक्ति को आंवला खिलाते रहें. आपने आजतक आंवला के फायदे ही सुने होंगे लेकिन एक साधू की मानें तो कामवासना को ख़त्म करने के लिए वह लोग आंवला काफी खाते हैं। इसका शारीरिक लाभ तो होता है किन्तु साथ में कामभावना को नियंत्रित करता है।
4- स्त्रियां यदि नित्य मीठे में गुड़ का सेवन करती हैं तो उनके अंदर काम भावना नियंत्रित होती है।
आप दोनों पति पत्नी 16 सोमवार का व्रत करें व रुद्राभिषेक करें, व काम के शमन की प्रार्थना करते रहें। भगवान शिव ने काम देवता को नष्ट किया था, यदि शिव की साधना काम भावना को भंग करने के लिए किया जाय तो वह बल मिलता है जिससे भाव शुद्धि होती है। काम भावना नियंत्रित होती है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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