मासिक आशौच यदि मन्त्रलेखन करना है तो दिन का पूजन व संकल्प मानसिक करें व मानसिक स्तर पर शान्तिकुंज में रखे शक्ति कलश का ध्यान करके मौन मानसिक जप प्रारम्भ कर दें। मन्त्रलेखन करने के ठीक आधे घण्टे पूर्व घर के किसी सदस्य से तुलसी के पेड़ के नीचे की मिट्टी, गंगाजल व गौ अर्क बाल्टी जल में मिलाकर सर धोकर नहा लें, नहाते/स्नान करते समय गंगा जी का ध्यान करते हुए बोलें:-*
*गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति ।*
*नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु ।।*
*फिर साफ सुथरे धुले वस्त्र पहन कर मन ही मन भगवान को प्रणाम करें। नहाने के बाद दो घण्टे के अंदर मन्त्रलेखन कर लीजिए। केवल मन्त्रलेखन के करना है मन्त्र का उच्चारण नहीं कर सकते, घर के पूजन स्थल का स्थूल पूजन सुबह शाम का पतिदेव को ही करने को कहे। आप मौन मानसिक जप सम्पन्न करें।*
*गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति ।*
*नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु ।।*
*फिर साफ सुथरे धुले वस्त्र पहन कर मन ही मन भगवान को प्रणाम करें। नहाने के बाद दो घण्टे के अंदर मन्त्रलेखन कर लीजिए। केवल मन्त्रलेखन के करना है मन्त्र का उच्चारण नहीं कर सकते, घर के पूजन स्थल का स्थूल पूजन सुबह शाम का पतिदेव को ही करने को कहे। आप मौन मानसिक जप सम्पन्न करें।*
No comments:
Post a Comment