प्रश्न - *रक्तदान से लोगों की जान बचती है यह पता है, लेकिन रक्तदान करने वाले को क्या आध्यात्मिक व स्वास्थ्य का फ़ायदा होता है? यह बताइये रक्तदान महादान क्यों है?*
उत्तर- आध्यात्मिक भाई,
वेद, उपनिषद व पुराणों में जीवनदान को अति पुण्यदायी बताया है। अब यह जीवनदान आप निम्नलिखित तरीक़े से कर सकते हैं और पुण्य और दुआएं प्राप्त करते हैं:-
1- किसी प्यास से मर रहे व्यक्ति को जल देकर जान बचाना
2- भूख से मर रहे व्यक्ति को भोजन देकर जान बचाना
3- किसी ठण्ड में मर रहे व्यक्ति को कम्बल दान देना
4- किसी अस्पताल में एक्सीडेंट या ऑपरेशन के दौरान रक्त की कमी से मर रहे व्यक्ति को अपना रक्त देकर उसका जीवन बचाना
*रक्तदान महादान इसलिए है क्योंकि अन्न, जल, वस्त्र बाह्य वस्तु है जिसके दान के पुण्य से स्वयं के भीतर की वस्तु रक्त का दान बड़ा है। यह रक्त उस व्यक्ति को नया जीवन दान देता है। वह ईश्वर देखता है कि आप अपने जीवन में से जीवन दूसरे को दे रहे हैं, अतः यह अत्यंत पुण्यदायी है।*
प्राचीन समय में जब धर्मग्रन्थ लिखे गए थे, तब आधुनिक हॉस्पिटल व ब्लड बैंक नहीं हुआ करते थे। उस वक़्त शल्यक्रिया के दौरान रक्त ट्रांसफर कैसे होता था उसका कोई उल्लेख नहीं है। परन्तु उस वक्त भी रक्तदान व अंगदान होता था, शल्यक्रिया विकसित थी।
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*आधुनिक युग में रक्तदान के बाद रक्तदाता को होने वाले फायदे*
जैसे ही रक्तदान करके आप किसी का जीवन बचाएंगे आपको एक आत्म संतुष्टि व आत्म गौरव की अनुभूति होगी। आपके भीतर देवत्व जगता है, कुछ अच्छा करने के बाद हमारे अंतःकरण में आनन्द की अनुभूति होती है।
मरीज़ व परिवार वालों की दुआएं मिलती है, रक्तदान से जीवनदान देने पर जीवनीशक्ति बढ़ती है।
एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 10 यूनिट रक्त होता है, जिसमें से व्यक्ति एक यूनिट blood donate कर सकता है | लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से व्यक्ति Blood Donation करने से डरता है या हिचकिचाता है | जरा सोचिए हमारे देश को हर साल करीब 120 लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है लेकिन केवल 90 लाख यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पाता है | ऐसे में देश 30 लाख यूनिट ब्लड की कमी से जूझता है | जबकि 38000 से अधिक ब्लड यूनिट की हर रोज जरुरत होती है |
*विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ो के अनुसार केवल दो प्रतिशत और अधिक रक्तदाताओं का blood donate के लिए आगे आना कई लोगों की जान बचा सकता है* | लेकिन खून देने के फायदे के बारे में जानकारी न होने से व्यक्ति blood donate करने नहीं चाहता है साथ ही व्यक्ति के मन में ब्लड डोनेशन से जुड़े कई भ्रम भी होते है इस वजह से लोग रक्तदान नहीं करते | पर शायद आप यह नहीं जानते है कि आप के द्वारा जो ब्लड डोनेशन किया जाता है वह किसी को जीवनदान देता ही है साथ ही इससे आप भी स्वस्थ रहते है |
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*रक्तदान के फायदे मरीज के साथ – साथ रक्तदाता को भी होता है |*
एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 5 – 6 लीटर ब्लड होता है और अच्छी बात यह है कि अपने ब्लड की इस मात्रा से साल में कम से कम चार बार रक्तदान किया जा सकता है बिना किसी शारीरिक नुकसान के | दूसरे शब्दों में कहे तो एक स्वस्थ शरीर के इंसान में लगभग 10 unit रक्त होता है जिसमें से वह एक यूनिट रक्त (350 मिली) आराम से दान कर सकता है | एक नियमित रक्तदाता तीन महीने बाद फिर से अगला रक्तदान कर सकता है |
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*रक्त चार प्रकार के तत्वों से निर्मित होता है – रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा*| जब कोई व्यक्ति ब्लड डोनेशन करता है, तो दो से तीन दिनों के भीतर उसके शरीर में प्लाज्मा का दोबारा निर्माण हो जाता है | जबकि रेड ब्लड सेल्स को बनने में एक से दो महीने लग सकते है | इस तरह कोई व्यक्ति तीन महीने बाद दुबारा रक्तदान कर सकता है |
आज मैं आप से blood donation के लाभ व इससे जुड़ी कुछ गलत धारणाओं के बारे में जानकारी शेयर करने जा रही हूँ, जिससे आप किसी को रक्तदान दे सके | अगर आप की वजह से किसी को जीवनदान मिलता है तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है | इसलिए रक्तदान के फायदे को जानना बहुत ही जरुरी है |
*रक्तदान के फायदे*
*रक्तदाताओं को रक्तदान के फायदे / खून देने के फायदे निम्न होते है* –
👉🏻खून देने से हार्ट-अटैक का जोखिम कम होता है
👉🏻आमतौर जब व्यक्ति के लीवर या किडनी में आयरन संचित होने लगता है, तो उससे हार्ट – अटैक की आशंका बढ़ जाती है | दरअसल आयरन खून को गाढ़ा बना देता है, जिससे ह्रदय रोग होने का जोखिम बढ़ता है | रक्त-दान करने से शरीर में आयरन का संतुलन बना रहता है और ह्रदय रोग का खतरा कम होता है |
👉🏻डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बिमारियों के होने की आशंका को कम करता है
👉🏻उम्र बढ़ने के साथ – साथ व्यक्ति में आयरन की अधिकता के कारण डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बिमारियों के होने की आशंका भी बढ़ जाती है | नियमित तौर पर रक्त-दान करने से आयरन नियंत्रित रहता है जो कि बृद्धावस्था में होने वाली बीमारी डिमेंशिया या अल्जाइमर से आपकी सुरक्षा करता है |
👉🏻स्ट्रोक का खतरा कम
👉🏻रक्त-दान से स्ट्रोक का खतरा भी 33 प्रतिशत तक कम हो जाता है |
👉🏻कैंसर का जोखिम कम करता है
👉🏻शरीर में आयरन के अनियंत्रित रहने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है | व्यक्ति के शरीर से आयरन निकलने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है | ऐसे में रक्त दान करने से इसका सही संतुलन बना रहता है |
रक्तदान से पुरानी आरबीसी से निकल जाती है | दोबारा खून तेजी से बनता है |
👉🏻नियमित रक्तदान से व्यक्ति में बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ती है |
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*ये लोग रक्तदान कर सकते है* –
*50 किलो से अधिक वजन के लोग रक्तदान कर सकते हैं |
*रक्त में 12.5 ग्राम या इससे अधिक हीमोग्लोबिन का स्तर हो |
*18 से 65 साल का कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है |
*रक्तदान से जुड़े प्रश्नोत्तर*
रक्तदान के फायदे की वजह से रक्तदान महादान कहा जाता है, लेकिन लोग खून देने में तमाम भ्रम के चलते हिचकते है जैसे –
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*क्या रक्तदान से सेहत को नुकसान है?*
रक्त-दान से सेहत को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होता | रक्त-दान के दौरान केवल 350 एमएल खून ही लिया जाता है जिसकी पूर्ति दो – तीन दिन में हो जाती है |
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*क्या शाकाहारी व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता?*
तमाम लोगों को यह भ्रम होता है कि शाकाहारी व्यक्ति के शरीर में आयरन नहीं बनता | यह सच नहीं है | शाकाहारी व्यक्ति भी रक्त-दान कर सकता है |
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*क्या खून देनें समय तकलीफ होती है?*
रक्त-दान पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है | इसमें सुई की हल्की चुभन के अलावा कोई दर्द नहीं होता है | यह एक साधारण कष्टरहित प्रकिया है |
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*क्या खून देने में बहुत समय लगता है?*
रक्तदान में मात्र 5 से 10 मिनट ही लगता है |
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*क्या खून देने से संक्रमण हो सकता है?*
यह सच नहीं है | जैसा कि मैनें पहले भी कहा कि यह पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है और सभी सवास्थ्य केद्रों पर खून लेने के मानक तरीके अपनाएं जाते है |
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*रक्तदान से पहले होने वाले टेस्ट*
रक्त-दान से पहले रक्तदाता की हेल्थ स्क्रीनिंग की जाती है | इसमें पांच प्रमुख टेस्ट होते है
*हेपेटाइटिस बी
*हेपेटाइटिस सी
*सिफलिस
*एचआईवी
*मलेरिया
उपर्युक्त के अतिरिक्त एचबी लेवल टेस्ट और ब्लडप्रेशर की भी जांच की जाती है |
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*रक्तदान के बाद क्या खाएं ? *
रक्तदाताओं को अपने आहार में आयरन, विटामिन बी व सी युक्त आहार लेना चाहिए | इसके लिए पालक, संतरे का जूस फलियां व डेरी उत्पाद को अपने नियमित आहार में ले |
रक्दान ( Blood Donation) करने से दो – तीन घंटे पूर्व पर्याप्त मात्रा में पानी जरुर पिए व भरपेट भोजन करें | इससे खून में सुगर की मात्रा स्थिर होती है |
युगऋषि कहते हैं - *जीवनदान सबसे बड़ा दान है, सबसे बड़ा पुण्यफ़ल है। साथ ही ज्ञान दान देकर जीवन को सन्मार्ग पर लाना भी अति पुण्यदायी है।*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
स्वास्थ्य आंदोलन - रक्तदान महादान
उत्तर- आध्यात्मिक भाई,
वेद, उपनिषद व पुराणों में जीवनदान को अति पुण्यदायी बताया है। अब यह जीवनदान आप निम्नलिखित तरीक़े से कर सकते हैं और पुण्य और दुआएं प्राप्त करते हैं:-
1- किसी प्यास से मर रहे व्यक्ति को जल देकर जान बचाना
2- भूख से मर रहे व्यक्ति को भोजन देकर जान बचाना
3- किसी ठण्ड में मर रहे व्यक्ति को कम्बल दान देना
4- किसी अस्पताल में एक्सीडेंट या ऑपरेशन के दौरान रक्त की कमी से मर रहे व्यक्ति को अपना रक्त देकर उसका जीवन बचाना
*रक्तदान महादान इसलिए है क्योंकि अन्न, जल, वस्त्र बाह्य वस्तु है जिसके दान के पुण्य से स्वयं के भीतर की वस्तु रक्त का दान बड़ा है। यह रक्त उस व्यक्ति को नया जीवन दान देता है। वह ईश्वर देखता है कि आप अपने जीवन में से जीवन दूसरे को दे रहे हैं, अतः यह अत्यंत पुण्यदायी है।*
प्राचीन समय में जब धर्मग्रन्थ लिखे गए थे, तब आधुनिक हॉस्पिटल व ब्लड बैंक नहीं हुआ करते थे। उस वक़्त शल्यक्रिया के दौरान रक्त ट्रांसफर कैसे होता था उसका कोई उल्लेख नहीं है। परन्तु उस वक्त भी रक्तदान व अंगदान होता था, शल्यक्रिया विकसित थी।
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*आधुनिक युग में रक्तदान के बाद रक्तदाता को होने वाले फायदे*
जैसे ही रक्तदान करके आप किसी का जीवन बचाएंगे आपको एक आत्म संतुष्टि व आत्म गौरव की अनुभूति होगी। आपके भीतर देवत्व जगता है, कुछ अच्छा करने के बाद हमारे अंतःकरण में आनन्द की अनुभूति होती है।
मरीज़ व परिवार वालों की दुआएं मिलती है, रक्तदान से जीवनदान देने पर जीवनीशक्ति बढ़ती है।
एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 10 यूनिट रक्त होता है, जिसमें से व्यक्ति एक यूनिट blood donate कर सकता है | लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से व्यक्ति Blood Donation करने से डरता है या हिचकिचाता है | जरा सोचिए हमारे देश को हर साल करीब 120 लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है लेकिन केवल 90 लाख यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पाता है | ऐसे में देश 30 लाख यूनिट ब्लड की कमी से जूझता है | जबकि 38000 से अधिक ब्लड यूनिट की हर रोज जरुरत होती है |
*विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ो के अनुसार केवल दो प्रतिशत और अधिक रक्तदाताओं का blood donate के लिए आगे आना कई लोगों की जान बचा सकता है* | लेकिन खून देने के फायदे के बारे में जानकारी न होने से व्यक्ति blood donate करने नहीं चाहता है साथ ही व्यक्ति के मन में ब्लड डोनेशन से जुड़े कई भ्रम भी होते है इस वजह से लोग रक्तदान नहीं करते | पर शायद आप यह नहीं जानते है कि आप के द्वारा जो ब्लड डोनेशन किया जाता है वह किसी को जीवनदान देता ही है साथ ही इससे आप भी स्वस्थ रहते है |
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*रक्तदान के फायदे मरीज के साथ – साथ रक्तदाता को भी होता है |*
एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 5 – 6 लीटर ब्लड होता है और अच्छी बात यह है कि अपने ब्लड की इस मात्रा से साल में कम से कम चार बार रक्तदान किया जा सकता है बिना किसी शारीरिक नुकसान के | दूसरे शब्दों में कहे तो एक स्वस्थ शरीर के इंसान में लगभग 10 unit रक्त होता है जिसमें से वह एक यूनिट रक्त (350 मिली) आराम से दान कर सकता है | एक नियमित रक्तदाता तीन महीने बाद फिर से अगला रक्तदान कर सकता है |
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*रक्त चार प्रकार के तत्वों से निर्मित होता है – रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा*| जब कोई व्यक्ति ब्लड डोनेशन करता है, तो दो से तीन दिनों के भीतर उसके शरीर में प्लाज्मा का दोबारा निर्माण हो जाता है | जबकि रेड ब्लड सेल्स को बनने में एक से दो महीने लग सकते है | इस तरह कोई व्यक्ति तीन महीने बाद दुबारा रक्तदान कर सकता है |
आज मैं आप से blood donation के लाभ व इससे जुड़ी कुछ गलत धारणाओं के बारे में जानकारी शेयर करने जा रही हूँ, जिससे आप किसी को रक्तदान दे सके | अगर आप की वजह से किसी को जीवनदान मिलता है तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है | इसलिए रक्तदान के फायदे को जानना बहुत ही जरुरी है |
*रक्तदान के फायदे*
*रक्तदाताओं को रक्तदान के फायदे / खून देने के फायदे निम्न होते है* –
👉🏻खून देने से हार्ट-अटैक का जोखिम कम होता है
👉🏻आमतौर जब व्यक्ति के लीवर या किडनी में आयरन संचित होने लगता है, तो उससे हार्ट – अटैक की आशंका बढ़ जाती है | दरअसल आयरन खून को गाढ़ा बना देता है, जिससे ह्रदय रोग होने का जोखिम बढ़ता है | रक्त-दान करने से शरीर में आयरन का संतुलन बना रहता है और ह्रदय रोग का खतरा कम होता है |
👉🏻डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बिमारियों के होने की आशंका को कम करता है
👉🏻उम्र बढ़ने के साथ – साथ व्यक्ति में आयरन की अधिकता के कारण डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसी बिमारियों के होने की आशंका भी बढ़ जाती है | नियमित तौर पर रक्त-दान करने से आयरन नियंत्रित रहता है जो कि बृद्धावस्था में होने वाली बीमारी डिमेंशिया या अल्जाइमर से आपकी सुरक्षा करता है |
👉🏻स्ट्रोक का खतरा कम
👉🏻रक्त-दान से स्ट्रोक का खतरा भी 33 प्रतिशत तक कम हो जाता है |
👉🏻कैंसर का जोखिम कम करता है
👉🏻शरीर में आयरन के अनियंत्रित रहने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है | व्यक्ति के शरीर से आयरन निकलने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है | ऐसे में रक्त दान करने से इसका सही संतुलन बना रहता है |
रक्तदान से पुरानी आरबीसी से निकल जाती है | दोबारा खून तेजी से बनता है |
👉🏻नियमित रक्तदान से व्यक्ति में बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ती है |
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*ये लोग रक्तदान कर सकते है* –
*50 किलो से अधिक वजन के लोग रक्तदान कर सकते हैं |
*रक्त में 12.5 ग्राम या इससे अधिक हीमोग्लोबिन का स्तर हो |
*18 से 65 साल का कोई भी व्यक्ति रक्तदान कर सकता है |
*रक्तदान से जुड़े प्रश्नोत्तर*
रक्तदान के फायदे की वजह से रक्तदान महादान कहा जाता है, लेकिन लोग खून देने में तमाम भ्रम के चलते हिचकते है जैसे –
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*क्या रक्तदान से सेहत को नुकसान है?*
रक्त-दान से सेहत को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं होता | रक्त-दान के दौरान केवल 350 एमएल खून ही लिया जाता है जिसकी पूर्ति दो – तीन दिन में हो जाती है |
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*क्या शाकाहारी व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता?*
तमाम लोगों को यह भ्रम होता है कि शाकाहारी व्यक्ति के शरीर में आयरन नहीं बनता | यह सच नहीं है | शाकाहारी व्यक्ति भी रक्त-दान कर सकता है |
👇🏻
*क्या खून देनें समय तकलीफ होती है?*
रक्त-दान पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है | इसमें सुई की हल्की चुभन के अलावा कोई दर्द नहीं होता है | यह एक साधारण कष्टरहित प्रकिया है |
👇🏻
*क्या खून देने में बहुत समय लगता है?*
रक्तदान में मात्र 5 से 10 मिनट ही लगता है |
👇🏻
*क्या खून देने से संक्रमण हो सकता है?*
यह सच नहीं है | जैसा कि मैनें पहले भी कहा कि यह पूरी तरह से सुरक्षित प्रक्रिया है और सभी सवास्थ्य केद्रों पर खून लेने के मानक तरीके अपनाएं जाते है |
👇🏻
*रक्तदान से पहले होने वाले टेस्ट*
रक्त-दान से पहले रक्तदाता की हेल्थ स्क्रीनिंग की जाती है | इसमें पांच प्रमुख टेस्ट होते है
*हेपेटाइटिस बी
*हेपेटाइटिस सी
*सिफलिस
*एचआईवी
*मलेरिया
उपर्युक्त के अतिरिक्त एचबी लेवल टेस्ट और ब्लडप्रेशर की भी जांच की जाती है |
👇🏻
*रक्तदान के बाद क्या खाएं ? *
रक्तदाताओं को अपने आहार में आयरन, विटामिन बी व सी युक्त आहार लेना चाहिए | इसके लिए पालक, संतरे का जूस फलियां व डेरी उत्पाद को अपने नियमित आहार में ले |
रक्दान ( Blood Donation) करने से दो – तीन घंटे पूर्व पर्याप्त मात्रा में पानी जरुर पिए व भरपेट भोजन करें | इससे खून में सुगर की मात्रा स्थिर होती है |
युगऋषि कहते हैं - *जीवनदान सबसे बड़ा दान है, सबसे बड़ा पुण्यफ़ल है। साथ ही ज्ञान दान देकर जीवन को सन्मार्ग पर लाना भी अति पुण्यदायी है।*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
स्वास्थ्य आंदोलन - रक्तदान महादान
Nice post
ReplyDeleteरक्त क्या है संगठन और कार्य