*नकली प्लास्टिक के वृक्ष से असली क्रिसमस कैसे मनेगा?*
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*झूठ व नक़ली वातावरण बना के असली ख़ुशी व आनन्द नहीं मिलता*
*नक़ली पुष्पों से असली ख़ुशबू नहीं मिलती*
*आओ गमले में असली रूम फ्रेशनर वाला पौधा या औषधीय पौधा लगाएं, घी या तिल तेल का दीप जलाएं। असली पौधे की अरोमा में और असली दिए की रौशनी में क्रिसमस मनाएं*
लाखों टन प्लास्टिक का कूड़ा प्रत्येक वर्ष क्रिसमस में होता है। प्रत्येक नए वर्ष के स्वागत में लाखों टन पटाखे फोड़कर वायु प्रदूषण किया जाता है। शराब जो कि धीमा जहर है उसे पीकर हो हल्ला मचाना? क्या यह सही है?
क्या ईसामसीह जी ने बाइबल में कहीं किसी जगह भी प्लास्टिक के पेड़ और प्लास्टिक की पन्नी की सजावट, पटाखों को फोड़ने व शराब पीने को लिखा है। नहीं न...
स्वयं विचार करें... दिमाग़ का उपयोग करें... प्लास्टिक का कूड़ा न फैलाएं...
भारतीय संस्कृति अप्राकृतिक जीवन जीने व अप्राकृतिक त्यौहार मनाने के सख़्त ख़िलाफ़ है। यदि भारत में है तो प्लास्टिक कूड़ो को क्रिसमस के नाम पर घर न लाएं और न ही क्रिसमस के बाद इन कूड़ो को पृथ्वी को गन्दा बनाने दें।
क्रिसमस मनाना है तो माली के पास जाएं सुंदर गमलों को घर लाएं, साथ ही दीपक जलाएं व क्रिसमस व नववर्ष स्वस्थ व प्राकृतिक समान से मनाएं।
*स्कूल व कॉलेज को सख्त हिदायत है कि प्लास्टिक का कूड़ा व अप्राकृतिक सामान से स्कूल में क्रिसमस न सजाएं*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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*झूठ व नक़ली वातावरण बना के असली ख़ुशी व आनन्द नहीं मिलता*
*नक़ली पुष्पों से असली ख़ुशबू नहीं मिलती*
*आओ गमले में असली रूम फ्रेशनर वाला पौधा या औषधीय पौधा लगाएं, घी या तिल तेल का दीप जलाएं। असली पौधे की अरोमा में और असली दिए की रौशनी में क्रिसमस मनाएं*
लाखों टन प्लास्टिक का कूड़ा प्रत्येक वर्ष क्रिसमस में होता है। प्रत्येक नए वर्ष के स्वागत में लाखों टन पटाखे फोड़कर वायु प्रदूषण किया जाता है। शराब जो कि धीमा जहर है उसे पीकर हो हल्ला मचाना? क्या यह सही है?
क्या ईसामसीह जी ने बाइबल में कहीं किसी जगह भी प्लास्टिक के पेड़ और प्लास्टिक की पन्नी की सजावट, पटाखों को फोड़ने व शराब पीने को लिखा है। नहीं न...
स्वयं विचार करें... दिमाग़ का उपयोग करें... प्लास्टिक का कूड़ा न फैलाएं...
भारतीय संस्कृति अप्राकृतिक जीवन जीने व अप्राकृतिक त्यौहार मनाने के सख़्त ख़िलाफ़ है। यदि भारत में है तो प्लास्टिक कूड़ो को क्रिसमस के नाम पर घर न लाएं और न ही क्रिसमस के बाद इन कूड़ो को पृथ्वी को गन्दा बनाने दें।
क्रिसमस मनाना है तो माली के पास जाएं सुंदर गमलों को घर लाएं, साथ ही दीपक जलाएं व क्रिसमस व नववर्ष स्वस्थ व प्राकृतिक समान से मनाएं।
*स्कूल व कॉलेज को सख्त हिदायत है कि प्लास्टिक का कूड़ा व अप्राकृतिक सामान से स्कूल में क्रिसमस न सजाएं*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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