Tuesday 28 January 2020

वसन्तपर्व पूजन हेतु यज्ञके सामानकीलिस्ट

👉🏼📯 *वसन्तपर्व पूजन हेतु यज्ञ के सामान की लिस्ट*

👉🏼  इसे पढ़कर पूर्व व्यवस्था बना लें


*1. एक मीटर पीला कपड़ा(देव आसन )*
*2. छोटी चौकी एक*
*3. देव स्थापना चित्र (सरस्वती माता की फोटो या मूर्ति)*
*4. आम की लकड़ी 3 किलो*
*5. हवन सामग्री 1 किलो*
*6. हवन कुण्ड या तसला एक*
*7. गाय का घी 250 ग्राम*
*8. जटावाला नारियल एक*
*9. गोला एक*
*10. कलश या लोटा एक* (तांबे का कलश उत्तम है, न मिलने पर स्टील का कलश बना लें)
*11. आम या अशोक के पत्ते 5-7*
*12. गंगाजल*(गंगा जल न मिलने पर कलश में मॉ गंगा का ध्यान कर लें)
*13. पान पत्ता एक*
*14. सुपारी दो , लौंग 5 , हरी इलायची 5 ,मिश्री दाना 100 ग्राम*
*15. रोली एक पैकेट , कलावा दो गुच्छे , जनेऊ एक*
*16. कपूर एक डिब्बा , धूप कपूर या अगरबत्ती एक पैकेट  ,  गोल वाली रुई की बत्ती 8-10 , माचिस एक*
*17. दीपक दो - एक बड़ा, एक छोटा (पीतल या स्टील या मिट्टी का घर में जो भी हो )*
*18. पीले चावल 100 ग्राम (साबुत कच्चा चावल हल्दी लगा )*

*20. फल स्वेच्छानुसार*
*21. मिष्ठान्न्र प्रसाद स्वेच्छानुसार* (घर में हलवा या खीर बनाये तो श्रद्धा भाव और शुद्धता बनी रहेगी। होटल में मजदूर नहाधोकर मिठाई नहीं बनाते)
*22. फूलमाला 2*
*23.* - हाथ का पंखा हो तो अच्छी बात नहीं तो पेपर से पंखे का काम ले लें।
*24.* कलम दावात पूजन के लिए नए पेन मंगवा के रख लें।
*25.* स्कूल में बात कर लें व यदि वह तैयार हों तो मन्त्रलेखन पुस्तिका जितनी बच्चों की संख्या हो उतना मंगवा लें और उतने ही पेन। सरस्वती पूजन के बाद प्रथम ॐ लिख कर और  स्वास्तिक बनवाकर सामूहिक विद्यारम्भ करवा दें।
*26.* - पूजन शुरू होने से पूर्व सभी बच्चों के पास दो कलावे का टुकड़ा, थोड़े फूल, थोड़ा पीला अक्षत दे दें। बच्चों से कहें एक कलावा गायत्रीमंत्र बोलकर पेन को बाँधना होगा जब मंच से बोलेंगे और एक दूसरे के हाथ मे भी कलावा बांधना होगा।
*27.* - एक बच्चे की ड्यूटी दे दें कि वह समस्त गुरुजनों व विद्यार्थियों को तिलक लगा दे।


*घर का सामान*
*बड़ी दो थाली + चार कटोरी व चार चम्मच + दो मध्यम आकार की प्लेट*

काष्ठ पात्र हो तो अच्छा है, नहीं तो उसकी जगह स्टील की चम्मच उपयोग में लें।

*नोट:*- 150 रुपये वाला पूजा के घी बोलकर नकली घी मार्किट में बिकता है जो मृत पशुओं को गर्म करके बनता, उसे पूजन में प्रयोग कदापि न करें। अच्छा देशी घी गांव से मंगवाए, यदि न मिले तो पातंजलि या अमूल का गोघृत ले लें।

यज्ञकर्ता के बैठने के लिए कम्बल, ऊनी शॉल का प्रयोग सर्वोत्तम है। इसके न मिलने पर साधारण आसन भी उपयोग में ले लें।

सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, अतः ज्ञान प्रसाद में युगसाहित्य जरूर बांटे।

पुस्तक - कर्मकाण्ड भाष्कर में वसंत पर्व पूजन कैसे करवाना है? वर्णित है, उसे पढ़कर जाएं व स्कूलों में वसंत पर्व उत्सव व सरस्वती पूजन करवाएं।

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