Wednesday, 22 January 2020

सुबह उठते ही निर्णय लें कि आज ख़ुश रहने की कोशिश करेंगे या दुःखी रहने की

*सुबह उठते ही निर्णय लें कि आज ख़ुश रहने की कोशिश करेंगे या दुःखी रहने की?*

अब निर्णय ले लिया तो मदद कर देती हूँ आपके चयन अनुसार आपका दिन बिताने में:-
😰😭👇🏻
*दुःखी रहने का निर्णय लिया है तो यह करें:-*

1- कहिए भगवान ने आज तक मुझे दिया क्या है कुछ भी तो नहीं..
2- लिस्ट बनाइये मेरे पास क्या नहीं है जिसका रोना रो सकें..
3- अगर जीवन मे 100 में 99 समाधान हो तो भी खोज़ी दृष्टि 1 समस्या पर केंद्रित कीजिये।नकारात्मक रवैया (Negative Attitude) रखिये।
4- कभी भी आधा भरी ग्लास कभी मत बोलना और सोचना, बोलना ग्लास आधी ख़ाली है।
5- जहां हैं बस वहीं मत रहना, यदि चाय पी रहे हो तो भोजन में क्या खाना है वह सोचो। घर पर हो तो ऑफिस सोचो और ऑफिस में हो तो घर के बारे में सोचो
6- अपने वर्तमान जीवन के लिए दूसरे को दोषी बताइये
7- दूसरे के घर, मकान, गाड़ी को देखकर जलिये, ईर्ष्या करिये
8- किसी से स्वयं के लिए अधिक से अधिक अपेक्षा-उम्मीद कीजिये। सबमें कोई न कोई बुराई अवश्य होती ही है बस उसकी चुगली-निंदा दिन में एक दो बार कम से कम उनका किसी अन्य से  करिये।
9- भाग्य भरोसे जियो, अस्तव्यस्त व बदहवास जियें।

😇👇🏻

*सुखी रहने का निर्णय लिया है तो यह करें:-*

1- भगवान को मनुष्य जीवन के लिए धन्यवाद दीजिये, मैं और मेरे प्रियजन जीवित है इसके लिए धन्यवाद दिजिये। सुनने, बोलने, चलने, बोलने,सूंघने व सोचने की शक्ति देने के लिए धन्यवाद दीजिये। अनमोल बुद्धि देने के लिए धन्यवाद दीजिये।
2- लिस्ट बनाइये मेरे पास क्या है, जिसके लिए खुश हो सकें...
3- अगर जीवन मे 100 में 99 समस्या हो तो भी खोज़ी दृष्टि 1 समाधान पर केंद्रित कीजिये, साथ ही उन 99 समस्याओं को भी एक एक करके कैसे हल कर सकते हो सोचो व प्रयास करो। सकारात्मक रवैया (Positive Attitude) रखिये।
4- हमेशा आधा भरी ग्लास बोलना और सोचना, बोलना।
5- जहां हैं बस वहीं रहना, यदि चाय पी रहे हो तो चाय के साथ मन से उपलब्ध रहो। भोजन कर रहे हो तो बस वह सोचो। घर पर हो तो घर को सोचो और ऑफिस में हो तो केवल ऑफिस के बारे में सोचो
6- अपने वर्तमान जीवन के लिए दूसरे को स्वयं को जिम्मेदार मानिए, कर्मफ़ल के सिद्धांत पर भरोसा रखिये
7- दूसरे के घर, मकान, गाड़ी को देखकर मत जलिये, मत ईर्ष्या करिये। अपने लक्ष्य बनाइये और उन्हें हासिल कीजिये।
8- किसी से स्वयं के लिए अधिक अपेक्षा-उम्मीद मत कीजिये। सबमें कोई न कोई अच्छाई जरूर होती ही है बस उसकी प्रसंशा दिन में एक दो बार कम से कम उनका किसी अन्य से  करिये।
9- भगवान उसी की मदद करता है जो   स्वयं की मदद करता हैं। स्वयं सङ्कल्प लीजिये कि आज मैं सतर्क व प्रयत्नशील रहूँगा, होशपूर्वक जियूँगा।

🙏🏻 भगवान से प्रार्थना है, आपने जो स्वयं के लिए चयन किया है वह आपके साथ घटित हो🙏🏻

🙏🏻श्वेता, DIYA

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