प्रश्न - *वन्दे वेद मातरम् , वन्दे देव मातरम् , वन्दे विश्व मातरम् ।(गायत्री परिजन) ये क्यों बोलते है ????*
उत्तर - *वंदे* शब्द का अर्थ वंदना होता है। वंदना पूजना का समानार्थी है। जिसे हम पूजते हैं उसके आगे नतमस्तक होते हैं, उसके मान सम्मान व रक्षार्थ सर कटाने व जान देने से पीछे नहीं रहते। उसकी खुशी के लिए स्वयं मर मिटने को तैयार रहते हैं।
इसीलिए बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने आनन्द मठ में देशभक्ति के लिए क्रांतिकारियों के अंदर वीररस व कर्तव्य निष्ठा जगाने के लिए *वंदे मातरम* गीत लिखा था।
स्वतंत्रता संग्राम में - क्रांतिकारी वंदे मातरम बोलते थे - तो उसका अर्थ होता था कि मातृभूमि की रक्षार्थ जान देने से पीछे नहीं हटेंगे।
गायत्री परिजन - *वंदे विश्वमातरम* बोलते हैं, क्योंकि वो युगनिर्माण हेतु युग सृजन सैनिक हैं। जो पूरे विश्व ब्रह्माण्ड हेतु कार्यरत है। तो विश्व के कल्याण के लिए व रक्षार्थ जान देने से पीछे नहीं हटेंगे यह भाव दर्शाते हैं।वसुधैव कुटुम्बकम - पूरा विश्व एक परिवार है। पूरे विश्व का कल्याण गायत्री परिजन चाहते है व उसके लिए ततपर है, इसलिये वह *वंदे विश्वमातरम* कहते हैं, जो समय व धन व स्वार्थकेन्द्रित हो एन्जॉय कर सकते थे, वही अमूल्य समय व धन वो जनजागृति में लगाते हैं। अपना पर्सनल समय व धन विश्वकल्याण हेतु उत्सर्ग कर देते हैं। पूरे विश्व में शांति हेतु तप करते हैं। इसलिए वंदे विश्वमातरम बोलते हैं।
प्रश्न पूँछकर गुरुसेवा का सौभाग्य देने के लिए धन्यवाद।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - *वंदे* शब्द का अर्थ वंदना होता है। वंदना पूजना का समानार्थी है। जिसे हम पूजते हैं उसके आगे नतमस्तक होते हैं, उसके मान सम्मान व रक्षार्थ सर कटाने व जान देने से पीछे नहीं रहते। उसकी खुशी के लिए स्वयं मर मिटने को तैयार रहते हैं।
इसीलिए बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने आनन्द मठ में देशभक्ति के लिए क्रांतिकारियों के अंदर वीररस व कर्तव्य निष्ठा जगाने के लिए *वंदे मातरम* गीत लिखा था।
स्वतंत्रता संग्राम में - क्रांतिकारी वंदे मातरम बोलते थे - तो उसका अर्थ होता था कि मातृभूमि की रक्षार्थ जान देने से पीछे नहीं हटेंगे।
गायत्री परिजन - *वंदे विश्वमातरम* बोलते हैं, क्योंकि वो युगनिर्माण हेतु युग सृजन सैनिक हैं। जो पूरे विश्व ब्रह्माण्ड हेतु कार्यरत है। तो विश्व के कल्याण के लिए व रक्षार्थ जान देने से पीछे नहीं हटेंगे यह भाव दर्शाते हैं।वसुधैव कुटुम्बकम - पूरा विश्व एक परिवार है। पूरे विश्व का कल्याण गायत्री परिजन चाहते है व उसके लिए ततपर है, इसलिये वह *वंदे विश्वमातरम* कहते हैं, जो समय व धन व स्वार्थकेन्द्रित हो एन्जॉय कर सकते थे, वही अमूल्य समय व धन वो जनजागृति में लगाते हैं। अपना पर्सनल समय व धन विश्वकल्याण हेतु उत्सर्ग कर देते हैं। पूरे विश्व में शांति हेतु तप करते हैं। इसलिए वंदे विश्वमातरम बोलते हैं।
प्रश्न पूँछकर गुरुसेवा का सौभाग्य देने के लिए धन्यवाद।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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