Sunday, 2 February 2020

प्रश्न - *लड़कियों को सेल्फ डिफेंस सीखने की क्यों आवश्यकता है?*

प्रश्न - *लड़कियों को सेल्फ डिफेंस सीखने की क्यों आवश्यकता है?*

उत्तर- जिस प्रकार एक घर को सुरक्षा हेतु दरवाजे एवं लॉक सिस्टम की जरूरत है, वैसे ही प्रत्येक लड़की को स्वयं की सुरक्षा हेतु सेल्फ डिफेंस सीखना अनिवार्य है।

बिन दरवाजे का घर चोरों और आवारा पशुओं के लिए आसान टारगेट है वैसे ही बिना सेल्फ डिफेंस सीखी लड़कियों की बॉडी लैंग्वेज भी आवारा लड़कों के लिए आसान टारगेट होती है।

सेल्फ डिफेंस आंतरिक एवं बाह्य दोनों सिखना जरूरी है।

*बाह्य सेल्फ डिफेंस तकनीक* - सीखने के लिए कुछ घण्टे रोज़ देकर कुछ दिनों में नज़दीकी जूडो, कराते, ताइक्वांडो में से कुछ भी सीख सकते हैं।

तलवार अच्छी क्वालिटी की हाथ में हो, चलाना सीख भी लो तो भी अगर ज़िगर(हृदय) में साहस न हो तो मुसीबत में भयवश नहीं चलेगी, हाथ से छूट कर गिर जाएगी। इसीतरह जुडो, कराते, ताइक्वांडो सीख भी लो तो भी अगर जिगर(हृदय) में साहस न हुआ तो मुसीबत के वक्त गड़बड़ हो जाएगी।

साहसी कन्या टूटी तलवार से भी जीत लेती है, सेल्फ डिफेंस की साधारण तकनीक में बुद्धिकुशलता मिलाकर हर युद्ध जीत लेती है।

*आंतरिक सेल्फ डिफेंस तकनीक* - सीखने के लिए प्रत्येक लड़की को सतर्क, जागरूक एवं आत्मविश्वास से भरे निज व्यक्तित्व(Personally) को बनाने के लिए नित्य मन्त्र जप, ध्यान एव योगाभ्यास करना चाहिए।

एवं साथ ही अदम्य शक्ति - सहस और वीररस का स्वयं में संचार करने के लिए योद्धा वीरांगनाओं की कहानियाँ व जीवनियां पढ़िये, सत्य घटनाएं पढ़िये। वीररस से भरी कवितायें पढ़नी चाहिए।

मेरे पिताजी लड़कियों को बहादुर बनाने हेतु बड़े सख्त थे, बचपन में मुझे अंधेरे से डर लगता था। पिताजी मुझे सरकारी क़वार्टर के घर के बाहर गेट पर रात 11 बजे खड़ा कर दिया, बोला *डर जब तक दूर है डरो, पास आये तो मुकाबला करो*। भूत आये तो उसे मारकर तब घर में आना। तीन घण्टे बाहर अंधेरे में खड़ी रही, कोई भूत तो मिला नहीं, लेकिन मैंने मेरे मन के भूत को मार दिया। तब से निर्भय हो गयी।

जब घर से कई किलोमीटर दूर कॉलेज जाना था, तो प्रथम दिन मेरे पिता ने कहा - *आत्मविश्वास से भरी लड़की की चाल, बॉडी लैंग्वेज व चेहरे का गायत्री मंत्र से तपयुक्त तेज़ आसुरी प्रवृत्ति के व्यक्तियों को परास्त कर देता हैं। 90%  लोग तो समक्ष नहीं आएंगे। कुछ असुर तो दुर्गा देवी को परेशान आ गए थे तुम्हें भी कर सकते हैं। जब भी युद्ध  की स्थिति हो तो पहले अपनी वाणी का प्रयोग करना, फ़िर पूरी शक्ति से लड़ना, मरने से पहले कम से कम दो चार को तो मार कर मरना। प्रत्येक स्त्री हो या पुरुष सबको अपना युद्ध लड़ना होता है। बिना लड़े हार मत मानना। संगठन में शक्ति है- लड़कियों के समूह में ज्यादा से ज्यादा रहना।*

कायर बार बार मरता है, बहादुर केवल एक बार शहीद होता है। बेटे पुलिस व कानून व्यवस्था दुर्घटना के बाद आती है, दुर्घटना के वक़्त केवल आप स्वयं एवं आपका भगवान रक्षा के लिए होता है। भगवान भी उसी की मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करता है। जो लड़की स्वयं सेल्फ डिफेंस तकनीक सीखेगी तभी वह भगवान से साहस व बल प्राप्त कर सकेगी।

जो पांच पुस्तक आंतरिक सेल्फ डिफेंस तकनीक एवं त्वरित बुद्धि एक्टिवेट करने की तकनीक सीखने हेतु मैंने पढ़ी वही आपको सजेस्ट कर रही हूँ, इसे अवश्य पढ़ें:-

1- मनस्विता, प्रखरता एवं तेजस्विता (वांगमय - 57)
2- शक्ति संचय के पथ पर
3- हारिये न हिम्मत
4- मरकर भी जो अमर हो गए
5- बुद्धि बढाने की वैज्ञानिक विधि

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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