Sunday, 2 February 2020

किशोर सँस्कारशाला की कहानियां - नशे से नष्ट हुआ समृद्ध राज्य

*किशोर सँस्कारशाला की कहानियां - नशे से नष्ट हुआ समृद्ध राज्य*

बहुत समय पहले की बात है, एक बड़ा समृद्ध व सम्पन्न राज्य था। राजा व प्रजा दोनों ही मेहनती थी, अध्यात्म उनकी रगों में था, बल, बुद्धि और पराक्रम में वह अन्य राज्य की जनता पर हज़ार गुना भारी थे।

घर के लोग गुरुवाणी के श्लोक बोलकर उठते, सुबह वेद पाठ व यज्ञ होता,  सभी व्यायाम करते, कुश्ती लड़ते व कबड्डी खेलते। पेड़ो पर चढ़ने वाले खेल खेल खेलते। शाम को चौपाल में सत्संग सुनते।

भोजन में देशी गाय के दूध घी मक्खन छाछ और हरी सब्जियाँ खाते। खेती बाड़ी करके तरह तरह की फ़सल उगाते।

दुश्मन राज्य जब भी इस राज्य पर हमला करते तो लड़ाई दो दिन में ही समाप्त हो जाती और दुश्मन सेना पूरी तरह साफ़ हो जाती।

एक मुगल शासक बड़ा चतुर था, वह कई बार युद्ध करके उस राज्य से हार चुका था। अतः वह यह समझ चुका था कि सीधे सीधे इन्हें हराना सम्भव नहीं है।

उसने युक्ति लगाई, और अपने राज्य के सुंदर युवक-युवतियों को बुलाया और उन्हें व्यापारी बनाकर उस राज्य भेज दिया। बोला कुछ आलसी कर्मठ सभी जगह पाए जाते हैं जो जोंक की तरह परजीवी होते है और दूसरों पर बोझ बनकर जीवन निर्वहन करते हैं। ऐसे कुछ आलसी व गद्दार लोगों को ढूढ कर लाओ।

एक वर्ष के कठिन परिश्रम से उन्हें कुछ आलसी व गद्दार लोग मिल ही गए। उन्हें बिन मेहनत कमाने का जरिया मिल गया तो वह ख़ुश हो गए।

उन गद्दारों को उस मुगल शासक ने ढेर सारा धन, नशे के ढेर सारा सामान और सुंदर स्त्रियां गिफ़्ट में दी और बोला अपने घर पर तुम लोग युवाओं को पार्टी दो और कोशिश करो कि तुम्हारे राज्य के युवा सत्संग में न जाने पाएं व ध्यान रहे ऐसा मादक व वासनात्मक नृत्य आयोजन साथ ही करो और उन्हें रात तक जगाओ जिससे वह सुबह न उठ पाएं और वेद यज्ञ में सम्मिलित न होने पाएं। उन्हें नित्य धीरे धीरे नशे के पेय पिलाकर नशेड़ी बना दो। एक वर्ष में रिपोर्ट देना। मुगल ने ढेर सारी भैंस दी और कहा कि यह दूध ज्यादा देती है, गाय हटाओ और इन्हें घर घर पहुंचाओ।

गद्दारों ने मुगल शासक का काम किया व साल भर के अंदर हज़ारो युवाओं को नशेड़ी बना दिया। राजा को पता चला तो उसने बॉर्डर की सुरक्षा बढ़ा दी कि नशे का सामान अंदर न आ सके। तब मुगल ने बड़े बड़े गुलेल बनवाये और नशे की पोटलियों को गुलेल की सहायता से सीमा पार पहुंचा दिया। गद्दारों और मुग़ल की कुटिल नीति से युवाओं की जवानी में मौत होंने लगी और हड्डियां कमजोर होने लग गए। भैंस के दूध ने भी अपना कमाल दिखाया और आलस्य - प्रमाद बढ़ाया। व्यायाम धीरे धीरे कम और बन्द सा हो गया, युवा सुबह न उठ सका, ब्रह्मुहूर्त में पूजन जैसे बन्द सा हो गया।

इस तरह कुछ वर्षों में मुगल की कुटिल नीति से वह राज्य कमज़ोर हो गया और मुगल ने आक्रमण किया औऱ जी भर के लूटपाट की। मनमाना टैक्स लगाया। लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर दिया। जो नहीं माना उनकी स्त्रियों का शीलभंग किया व बच्चों का कत्ल कर दिया।

इस तरह एक समृद्ध राज्य को नशे ने खोखला करके तबाह कर दिया, युवा लोग बाद में बहुत पछताए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

हमारा पड़ोसी पाकिस्तान अभी भी हमारे कई राज्यो में गुलेल के ज़रिए नशीले पैकेट्स भेजता है, कुछ देश के गद्दार युवाओं को नशा दे रहे हैं। पाकिस्तान से सटे राज्यो में नशे की लत इस कदर हावी है कि बढ़ती युवाओ की मौतों के आंकड़े रोंगटे खड़े करने वाले हैं। जनता नहीं जागी और अपने बीच छुपे गद्दारों को ढूढ़ ढूढ़ कर सज़ा नहीं दी तो कहीं पुनः देर न हो जाये।

सावधान! ख़तरा पाकिस्तानियों से ज्यादा देश में छुपे गद्दारों से हैं। उन्हें बेनकाब केवल जागरूक जनता ही कर सकती है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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