प्रश्न - *गुरुगीता के श्लोक 155 में श्मशान, भय भूमि, भयानक स्थान को गुरुगीता पाठ के लिए श्रेष्ठ और श्लोक 175 में अधम स्थान को निषेध बताया है। कृपया भयानक और अधम स्थान को स्पष्ट करें?*
उत्तर - आत्मीय भाई,
*भयानक स्थान* अर्थात भय भूमि उसे कहते हैं जहाँ श्मशान होता है, जहां लाशें जलती हैं और मृत्यु और जीवन दोनों के बीच कोई भेद नहीं होता। ऐसे स्थान को आम जनता भयानक (भय भूमि या डरावनी भूमि) मानती है, वह इसे मृतात्माओं का वास मानती है। लेकिन तपस्वियों, सन्यासियों और साधकों के लिए जीवन की नश्वरता और आत्मा की शाश्वत स्थिति को जानने और वैराग्य भाव जगाने के लिए यह स्थान उत्तम माना गया है। भगवान शिव की प्रिय तप:स्थली है, तो उनके भक्तों के लिए भी ऐसे आम जन के लिए भयानक स्थान है साधना के लिए उत्तम है। मैं दो बार श्मशान जा चुकी हूँ दाह सँस्कार में, और यह निश्चित रूप से कह सकती हूँ वैराग्य भाव जगाने का उत्तम स्थान श्मशान है। कोई मोह शेष नहीं रहता। गुरु गीता के लिए श्रेष्ठ है।
*अधम स्थान* - अर्थात ऐसे स्थान जहाँ अधर्म होते हों, कत्लगाह (जहाँ स्वार्थ हेतु ज़बरन तड़फाकर जीव हत्या की जा रही हो) , देहव्यापार के अड्डे( जहाँ ज़बरन मजबूर गरीब कन्याओं के अपहरण करके उनका शोषण हो रहा हो) , अश्लील फ़िल्म का थियेटर या मद्यपान का स्थल जहां शब्दो, दृश्यों और जहरीले मादक पेय से लोगों में कामुकता व वहसिपन नरपिशाच बनाने का उपक्रम चल रहा हो। ऐसे स्थान अधम है, यहां का सूक्ष्म वातावरण दूषित है। ऐसे स्थानों का त्याग कर देना चाहिए। ऐसे स्थानों में की साधना निष्फल होती है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर - आत्मीय भाई,
*भयानक स्थान* अर्थात भय भूमि उसे कहते हैं जहाँ श्मशान होता है, जहां लाशें जलती हैं और मृत्यु और जीवन दोनों के बीच कोई भेद नहीं होता। ऐसे स्थान को आम जनता भयानक (भय भूमि या डरावनी भूमि) मानती है, वह इसे मृतात्माओं का वास मानती है। लेकिन तपस्वियों, सन्यासियों और साधकों के लिए जीवन की नश्वरता और आत्मा की शाश्वत स्थिति को जानने और वैराग्य भाव जगाने के लिए यह स्थान उत्तम माना गया है। भगवान शिव की प्रिय तप:स्थली है, तो उनके भक्तों के लिए भी ऐसे आम जन के लिए भयानक स्थान है साधना के लिए उत्तम है। मैं दो बार श्मशान जा चुकी हूँ दाह सँस्कार में, और यह निश्चित रूप से कह सकती हूँ वैराग्य भाव जगाने का उत्तम स्थान श्मशान है। कोई मोह शेष नहीं रहता। गुरु गीता के लिए श्रेष्ठ है।
*अधम स्थान* - अर्थात ऐसे स्थान जहाँ अधर्म होते हों, कत्लगाह (जहाँ स्वार्थ हेतु ज़बरन तड़फाकर जीव हत्या की जा रही हो) , देहव्यापार के अड्डे( जहाँ ज़बरन मजबूर गरीब कन्याओं के अपहरण करके उनका शोषण हो रहा हो) , अश्लील फ़िल्म का थियेटर या मद्यपान का स्थल जहां शब्दो, दृश्यों और जहरीले मादक पेय से लोगों में कामुकता व वहसिपन नरपिशाच बनाने का उपक्रम चल रहा हो। ऐसे स्थान अधम है, यहां का सूक्ष्म वातावरण दूषित है। ऐसे स्थानों का त्याग कर देना चाहिए। ऐसे स्थानों में की साधना निष्फल होती है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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