प्रश्न - *मन्त्र और ध्यान में से किसी एक को चुनना हो तो कौन सा अनिवार्य है?*
उत्तर - आत्मीय भाई, उपासना के दो चरण है - जप और ध्यान। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
लेकिन फ़िर भी यदि आप किसी एक को ही चुनना चाहते हैं तो ध्यान चुनिए।
ध्यान और मन्त्र जप में ध्यान की ज्यादा वरिष्ठता है, क्योंकि ध्यान मार्ग है और मन्त्र वाहन है, जप के साथ ध्यान अनिवार्य है। वाहन को मार्ग की आवश्यकता है, मार्ग को वाहन मिले न मिले फ़र्क़ नहीं पड़ता।
लेकिन इंसान को आध्यात्मिक उन्नति और चेतना की शिखर यात्रा हेतु मार्ग के साथ साथ वाहन भी चाहिए। अध्यात्म में मंजिल तक पहुंचने के लिए ध्यान व गायत्री मंत्र जप दोनों अनिवार्य है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर - आत्मीय भाई, उपासना के दो चरण है - जप और ध्यान। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
लेकिन फ़िर भी यदि आप किसी एक को ही चुनना चाहते हैं तो ध्यान चुनिए।
ध्यान और मन्त्र जप में ध्यान की ज्यादा वरिष्ठता है, क्योंकि ध्यान मार्ग है और मन्त्र वाहन है, जप के साथ ध्यान अनिवार्य है। वाहन को मार्ग की आवश्यकता है, मार्ग को वाहन मिले न मिले फ़र्क़ नहीं पड़ता।
लेकिन इंसान को आध्यात्मिक उन्नति और चेतना की शिखर यात्रा हेतु मार्ग के साथ साथ वाहन भी चाहिए। अध्यात्म में मंजिल तक पहुंचने के लिए ध्यान व गायत्री मंत्र जप दोनों अनिवार्य है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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