Thursday, 14 May 2020

प्रश्न - *ॐ असतो मा सद्गमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योर्मामृतं गमय, यह किसका मन्त्र है? एवं किस उपाय के लिए प्रयुक्त होता है?*

प्रश्न - *ॐ असतो मा सद्गमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योर्मामृतं गमय, यह किसका मन्त्र है? एवं किस उपाय के लिए प्रयुक्त होता है?*

उत्तर - आत्मीय दी, यह पवमान मन्त्र या पवमान अभयारोह बृहदारण्यक उपनिषद में विद्यमान एक मन्त्र है।

ध्यान के अंत में भी इस मन्त्र के द्वारा आत्मा के उत्थान हेतु ईश्वर से प्रार्थना की जाती है।

 यह मन्त्र मूलतः सोम यज्ञ की स्तुति में यजमान द्वारा गाया जाता था।

ॐ असतो मा सद्गमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योर्मामृतं गमय ॥ॐ शान्ति शान्ति शान्तिः ॥ – बृहदारण्यकोपनिषद् 1.3.28।

अर्थ- मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो।मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥

🙏🏻श्वेता, DIYA

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