Wednesday 20 May 2020

कुशल गृहणी व मातृसत्ता की पहचान

*कुशल गृहणी व मातृसत्ता की पहचान*

बुद्धि में कुशलता व हृदय में निर्मलता,
सेवा की भावना व आत्मसम्मान से जीना,
एक कुशल गृहणी की पहचान है,
एक मातृ सत्ता की पहचान है।

सहज गृहणी में गौरा पार्वती सी सुंदर,
विपत्ति में दुर्गा रूप में अस्त्र शस्त्र सुसज्जित,
एक कुशल गृहणी की पहचान है,
एक मातृ सत्ता की पहचान है।

ज्ञान में सरस्वती व गृह सम्हालने में लक्ष्मी,
संकट मिटाने में जो बन जाये काली,
एक कुशल गृहणी की पहचान है,
एक मातृ सत्ता की पहचान है।

स्वरक्षण में समर्थ व गृहस्थी में कुशल,
वाणी से मधुर व व्यवहार कुशल,
एक कुशल गृहणी की पहचान है,
एक मातृ सत्ता की पहचान है।

बुद्धि अर्जन में सतत प्रयत्नशील,
प्रेममयी, सेवाभावी और सुशील,
एक कुशल गृहणी की पहचान है,
एक मातृ सत्ता की पहचान है।

चाणक्य सी बुद्धि रखने वाली,
करुणा और प्यार लुटाने वाली,
एक कुशल गृहणी की पहचान है,
एक मातृ सत्ता की पहचान है।

जो स्त्री मात्र बाह्य सौंदर्यीकरण पर ध्यान देती है,
बुद्धिचातुर्य हेतु प्रयत्नशील नहीं रहती है,
वह अकुशल गृहणी सदा रहती परेशान है,
वह मातृ सत्ता के उत्तरदायित्व से अनजान है।

🙏🏻श्वेता, DIYA

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