प्रश्न- *गुरुगीता श्लोक १३४- गुरूगीता की मंत्र माला का क्या अर्थ है?*
उत्तर- आत्मीय भाई, गुरुगीता का प्रत्येक अक्षर को भगवान शंकर ने मंत्रराज की संज्ञा दी है। प्रत्येक श्लोक एक मन्त्रमाला है। 1 से लेकर 182 श्लोक का पाठ अनुष्ठान 182 माला के जप के बराबर पुण्य फल देगा।
यदि एक सौ 182 श्लोक का श्रद्धापूर्वक पाठ, श्रवण व लेखन करते हैं तो साधक को 24 हज़ार जप का पुण्यफल मिलता है। ऐसे अनेक पाठ करके अनन्त फल को प्राप्त किया जा सकता है। गुरुतत्व को धारण किया जा सकता है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर- आत्मीय भाई, गुरुगीता का प्रत्येक अक्षर को भगवान शंकर ने मंत्रराज की संज्ञा दी है। प्रत्येक श्लोक एक मन्त्रमाला है। 1 से लेकर 182 श्लोक का पाठ अनुष्ठान 182 माला के जप के बराबर पुण्य फल देगा।
यदि एक सौ 182 श्लोक का श्रद्धापूर्वक पाठ, श्रवण व लेखन करते हैं तो साधक को 24 हज़ार जप का पुण्यफल मिलता है। ऐसे अनेक पाठ करके अनन्त फल को प्राप्त किया जा सकता है। गुरुतत्व को धारण किया जा सकता है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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