🔥 *भारत देश व समस्त भारतीयों के उज्ज्वल भविष्य, स्वस्थ-समर्थ-शक्तिशाली राष्ट्र निर्माण हेतु गृहे गृहे यज्ञ* 🔥
आत्मीय बहन भाईयों,
*अयं यज्ञो भुवनस्य नाभिः* ॥ यजु—23-62 अर्थात् इस संसार का अन्त वेदि है और यह यज्ञ इस ब्रह्माण्ड की नाभि है। यज्ञ से प्राण पर्जन्य व दैवीय अनुकम्पा प्राप्त होती है।
*कम से कम 24 गायत्रीमन्त्र और 5 महामृत्युंजय मंत्र की आहुति सभी अर्पित अवश्य करें।*
*दिनांक* - 31 मई 2020
*दिन* - रविवार
*समय* - सुबह 8 से 12 के बीच
सुबह नहाते वक्त - .. *ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा* बोलकर गंगा जी का स्मरण करें। इस भावनात्मक गंगा स्नान से तन व मन की पवित्रता की मां गंगा से प्रार्थना करें।
आपसे अनुरोध है कि अपने घर पर सुबह 8 से 12 के बीच यज्ञ करके इस महाअभियान में जुड़े। अपने नजदीकी शक्तिपीठ के परिजनों को अपना नाम नोट करवा दें। यदि आपको पता नहीं कि अपने क्षेत्र में किसे नाम नोट करवाएं, तो आप मुझे भी अपना नाम, मोबाइल, शहर का नाम और किस माध्यम से यज्ञ कर रहे हैं नोट करवा सकते हैं। मेरा व्हाट्सएप नम्बर ( 9810893335) , Email - sweta.awgp@gmail.com
कलियुग में संगठन में ही शक्ति है, युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव कहते हैं, समूह द्वारा एक उद्देश्य के लिए की गई प्रार्थना बहुत प्रभावशाली व असरकारक होती है। एक उद्देश्य एक लक्ष्य एक सी प्रार्थना - *समर्थ, शशक्त और समृद्ध भारत बने, भारत विश्वगुरु बने*, *समस्त भारतवासी स्वस्थ, शशक्त व समृद्ध बने, सबका उज्ज्वल भविष्य हो*
यज्ञ का समस्त सामान उपलब्ध हो तो यज्ञ अवश्य करें, यदि किन्ही कारणवश यज्ञ का समस्त सामान उपलब्ध नहीं है, तो निम्नलिखित विधि से यज्ञ में जुड़े:-
याज्ञवल्क्य जी यज्ञ के प्रणेता ऋषि हैं, उन्होंने यज्ञ के समस्त सामान उपलब्ध न होने पर किस प्रकार यज्ञ कर सकते हैं यह बताया है।
1- यज्ञ हेतु आम की लकड़ी न मिले तो सूखे नारियल के टुकड़ों को समिधा की तरह उपयोग कर यज्ञ करें। या गोमयकुण्ड (गोबर से बने उर्जादीपकों) में सूक्ष्म यज्ञ करें।
2- हवन सामग्री न उपलब्ध तो गुड़ व घी को हवन सामग्री की तरह उपयोग करें।
3- यदि यज्ञ की सुविधा नहीं बन पा रही तो पाँच दीपक जलाकर दीपयज्ञ करें। मिट्टी के दीपक उपलब्ध न हों तो आटे के दीपक बना लें।
4- हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को यदि रुई व घी भी किन्ही कारणवश उपलब्ध न हों तो पांच कपूर जलाकर कर्पूर यज्ञ कर लें।
5- हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को यदि रुई व घी, कर्पूर कुछ भी किन्ही कारणवश उपलब्ध न हों तो एक खाली कटोरी लें और उसमें दूसरी कटोरी से चम्मच से जल डालते हुए जल से जल में यज्ञ अवश्य कर लें।
6- सैनिक व पुलिस ड्यूटी करने वाले भाई बहन, सुबह घर पर यज्ञ करके ड्यूटी के लिए निकल सकते हैं। यदि किन्ही कारणवश घर पर यज्ञ नहीं हो पाया और आप सुबह 8 से 12 ड्यूटी पर हो तो सूर्य को यज्ञकुंड मानकर उनका आह्वाहन करे, ड्यूटी पर खड़े खड़े मौन मानसिक 24 गायत्री मंत्र और 5 महामृत्युंजय मंत्र जपकर आहुति दे दें। मौन मानसिक यज्ञ में जूते उतारने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसमें शरीर कोई कार्य नहीं करता। मन से यज्ञ होगा।
7- जो कोरोना या अन्य कारणों से हॉस्पिटल में भर्ती हैं, या जिनके परिजन भर्ती हैं और वह अस्पताल में ड्यूटी दे रहे हैं, वह हॉस्पिटल में बैठे बैठे सूर्य का नेत्र बन्द करके ध्यान कर लें, या भावनात्मक रूप से ध्यान में पहले हरिद्वार में गंगा स्नान करें, फिर वहां से शान्तिकुंज हरिद्वार के यज्ञ स्थल आकर, ध्यान में यज्ञ कर लें।
🔥 सभी यज्ञ अवश्य करें, माध्यम चाहे कोई भी चुने, देशहित-समाजहित इस महाअभियान - *गृहे गृहे यज्ञ - 31 मई* से अवश्य जुड़े। 🔥
🙏🏻श्वेता, DIYA
आत्मीय बहन भाईयों,
*अयं यज्ञो भुवनस्य नाभिः* ॥ यजु—23-62 अर्थात् इस संसार का अन्त वेदि है और यह यज्ञ इस ब्रह्माण्ड की नाभि है। यज्ञ से प्राण पर्जन्य व दैवीय अनुकम्पा प्राप्त होती है।
*कम से कम 24 गायत्रीमन्त्र और 5 महामृत्युंजय मंत्र की आहुति सभी अर्पित अवश्य करें।*
*दिनांक* - 31 मई 2020
*दिन* - रविवार
*समय* - सुबह 8 से 12 के बीच
सुबह नहाते वक्त - .. *ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा* बोलकर गंगा जी का स्मरण करें। इस भावनात्मक गंगा स्नान से तन व मन की पवित्रता की मां गंगा से प्रार्थना करें।
आपसे अनुरोध है कि अपने घर पर सुबह 8 से 12 के बीच यज्ञ करके इस महाअभियान में जुड़े। अपने नजदीकी शक्तिपीठ के परिजनों को अपना नाम नोट करवा दें। यदि आपको पता नहीं कि अपने क्षेत्र में किसे नाम नोट करवाएं, तो आप मुझे भी अपना नाम, मोबाइल, शहर का नाम और किस माध्यम से यज्ञ कर रहे हैं नोट करवा सकते हैं। मेरा व्हाट्सएप नम्बर ( 9810893335) , Email - sweta.awgp@gmail.com
कलियुग में संगठन में ही शक्ति है, युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव कहते हैं, समूह द्वारा एक उद्देश्य के लिए की गई प्रार्थना बहुत प्रभावशाली व असरकारक होती है। एक उद्देश्य एक लक्ष्य एक सी प्रार्थना - *समर्थ, शशक्त और समृद्ध भारत बने, भारत विश्वगुरु बने*, *समस्त भारतवासी स्वस्थ, शशक्त व समृद्ध बने, सबका उज्ज्वल भविष्य हो*
यज्ञ का समस्त सामान उपलब्ध हो तो यज्ञ अवश्य करें, यदि किन्ही कारणवश यज्ञ का समस्त सामान उपलब्ध नहीं है, तो निम्नलिखित विधि से यज्ञ में जुड़े:-
याज्ञवल्क्य जी यज्ञ के प्रणेता ऋषि हैं, उन्होंने यज्ञ के समस्त सामान उपलब्ध न होने पर किस प्रकार यज्ञ कर सकते हैं यह बताया है।
1- यज्ञ हेतु आम की लकड़ी न मिले तो सूखे नारियल के टुकड़ों को समिधा की तरह उपयोग कर यज्ञ करें। या गोमयकुण्ड (गोबर से बने उर्जादीपकों) में सूक्ष्म यज्ञ करें।
2- हवन सामग्री न उपलब्ध तो गुड़ व घी को हवन सामग्री की तरह उपयोग करें।
3- यदि यज्ञ की सुविधा नहीं बन पा रही तो पाँच दीपक जलाकर दीपयज्ञ करें। मिट्टी के दीपक उपलब्ध न हों तो आटे के दीपक बना लें।
4- हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को यदि रुई व घी भी किन्ही कारणवश उपलब्ध न हों तो पांच कपूर जलाकर कर्पूर यज्ञ कर लें।
5- हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को यदि रुई व घी, कर्पूर कुछ भी किन्ही कारणवश उपलब्ध न हों तो एक खाली कटोरी लें और उसमें दूसरी कटोरी से चम्मच से जल डालते हुए जल से जल में यज्ञ अवश्य कर लें।
6- सैनिक व पुलिस ड्यूटी करने वाले भाई बहन, सुबह घर पर यज्ञ करके ड्यूटी के लिए निकल सकते हैं। यदि किन्ही कारणवश घर पर यज्ञ नहीं हो पाया और आप सुबह 8 से 12 ड्यूटी पर हो तो सूर्य को यज्ञकुंड मानकर उनका आह्वाहन करे, ड्यूटी पर खड़े खड़े मौन मानसिक 24 गायत्री मंत्र और 5 महामृत्युंजय मंत्र जपकर आहुति दे दें। मौन मानसिक यज्ञ में जूते उतारने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसमें शरीर कोई कार्य नहीं करता। मन से यज्ञ होगा।
7- जो कोरोना या अन्य कारणों से हॉस्पिटल में भर्ती हैं, या जिनके परिजन भर्ती हैं और वह अस्पताल में ड्यूटी दे रहे हैं, वह हॉस्पिटल में बैठे बैठे सूर्य का नेत्र बन्द करके ध्यान कर लें, या भावनात्मक रूप से ध्यान में पहले हरिद्वार में गंगा स्नान करें, फिर वहां से शान्तिकुंज हरिद्वार के यज्ञ स्थल आकर, ध्यान में यज्ञ कर लें।
🔥 सभी यज्ञ अवश्य करें, माध्यम चाहे कोई भी चुने, देशहित-समाजहित इस महाअभियान - *गृहे गृहे यज्ञ - 31 मई* से अवश्य जुड़े। 🔥
🙏🏻श्वेता, DIYA
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