Tuesday 19 May 2020

प्रश्न - *What is the meaning of living life to the fullest?* *जीवन को पूर्णता से जीने का अर्थ क्या है?*

प्रश्न - *What is the meaning of living life to the fullest?*
*जीवन को पूर्णता से जीने का अर्थ क्या है?*

उत्तर - आत्मीय भाई यज्ञ में पूर्णाहुति के वक्त आपने यह मंन्त्र सुना होगा।

ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात् , पूर्ण मुदच्यते,
पूर्णस्य पूर्णमादाय, पूर्ण मेवा वशिष्यते।

वह भी पूर्ण है और यह भी पूर्ण है। उस पूर्ण से इस पूर्ण की उत्पत्ति होती है लेकिन फिर भी उस पूर्ण की पूर्णता कम नहीं होती (अर्थाय उसका शेष फिर भी पूर्ण ही रह जाता है!)

जीव विज्ञान - *स्त्री पूर्ण है, सन्तान को जन्म देती है वो भी पूर्ण होता है*। उसके बाद भी वह पूर्ण ही शेष रहती है। इसी तरह वृक्ष से फ़ल निकलता है, उससे बीज निकलता है, उस बीज से पुनः वृक्ष निकलता है।

गणित के अनुसार - *संख्याओं में केवल शून्य ही पूर्ण है और यदि आप शून्य में से शून्य घटा दें तो शून्य ही शेष रह जाता है।*

*विज्ञान* - *आइंस्टाइन ने E=mc2 के ज़रिए सिद्ध किया है* कि ऊर्जा पदार्थ में और पदार्थ ऊर्जा में बदल सकता है। ऊर्जा से जब पदार्थ बनता है तब भी ऊर्जा पूर्ण रह जाती है (यानी जितनी पदार्थ के बनने से पहले थी) और पदार्थ भी अपने आप में पूर्ण होता है।

*सर्वत्र सृष्टि में पूर्णता है। मनुष्य स्वयंमेव पूर्ण है। बस समस्या यह है कि वह निज पूर्णता को भूला हुआ है।*

*सो$हम* - वह मैं ही हूँ। जिस दिन बीज को यह ज्ञात हो जाये कि वह वृक्ष मैं ही हूँ, अतः वो गलकर वृक्ष बनने को तैयार हो जाये। इसी तरह मानव यदि अहंकार को गला दे, लोग क्या कहेंगे भूला दे, स्वयं का "मैं" भूलकर उस पूर्ण अस्तित्व से जुड़ जाए तो पूर्णता का अनुभव कर सकेगा। "मैं" शरीर नहीं हूँ, और न हीं यह "मन" हूँ, जब यह पूर्णता से अनुभव हो जाएगा, तब पूर्णता से जीवन भर जाएगा।

जब हम शरीर और मन है ही नहीं, तो शरीर और मन की तुष्टिकरण के सांसारिक संसाधन हमें पूर्ण आनन्द दे ही नहीं सकते। आत्मसंतुष्टि के बिना पूर्णता आएगी ही नहीं। जीवन आनन्दमय आत्म अनुभूति से ही बनेगा।

एक बूँद पेट्रोल में भी अपार शक्ति है, उसके प्रत्येक परमाणुओं की शक्ति का उपयोग कर सकें तो महीने भर गाड़ी एक बूंद पेट्रोल से चल सकती हैं। इसी तरह एक पल जीवन को पूर्णता से जी सकें तो असम्भव भी संभव है।

इसी तरह मनुष्य यदि अपने प्रत्येक जीवन के क्षण का उपयोग पूर्णता से कर सके तो वह हज़ारो वर्ष का लंबा जीवन एक दिन में जी सकता है।

स्वयं के अंतर्जगत में प्रवेश कीजिये, पूर्णता का अनुभव आत्मज्योति के प्रकाश में कीजिये।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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