एक और अनुरोध,
प्रार्थना आत्मा है व पुरुषार्थ शरीर, एक के बिना दूसरा अधूरा है।
यदि सोमनाथ मंदिर पर हमला हो तो केवल आर्तभाव से शिव को पुकारा नहीं जाता। अपितु शिव का रौद्र रूप स्वयं में जगाकर शिव में स्वयं का आह्वाहन करके त्रिशूल लेकर युद्ध किया जाता है।
घर मे कोई सदस्य बीमार हो तो मात्र प्रार्थना नहीं की जाती अपितु उपचार का पुरुषार्थ भी किया जाता है।
अतः प्रार्थना जितनी जरूरी है पुरुषार्थ भी उतना जरूरी है।
महाभारत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह नहीं कहा कि अपना कर्म त्यागो और मेरा नाम केवल जपो।
कृष्ण भगवान ने कहा - मोह त्यागो, आशक्ति त्यागो और अपना युद्ध स्वयं लड़ो। मैं तुम्हारा मार्गदर्शन करूँगा, तुम मेरी शरण मे आओ।
भगवान जो भवसागर से पार लगाता है, वह नदी पार करने के लिए केवट की नाव का सहारा लेता है, रीछ वानर से समुद्र पार करने के लिए पुल बनवाता है। सबको सबका पुरुषार्थ भक्ति के साथ करने को कहता है।
हमारा धर्म हमें कायर बनना नहीं सिखाता। आलस्य में पड़े रहकर दैव दैव पुकारना नहीं सिखाता।
क्लियर मेसेज है - मदद उसे मिलेगी जो अपनी मदद स्वयं करेगा। मार्गदर्शन उसे मिलेगा जो मार्ग पर चलने का पुरुषार्थ करेगा। प्रार्थना उसी की स्वीकार होगी जो पुरुषार्थ करेगा।
घर परिवार में प्रार्थना के साथ साथ पुरुषार्थ अवश्य करें।
🙏🏻श्वेता, DIYA
प्रार्थना आत्मा है व पुरुषार्थ शरीर, एक के बिना दूसरा अधूरा है।
यदि सोमनाथ मंदिर पर हमला हो तो केवल आर्तभाव से शिव को पुकारा नहीं जाता। अपितु शिव का रौद्र रूप स्वयं में जगाकर शिव में स्वयं का आह्वाहन करके त्रिशूल लेकर युद्ध किया जाता है।
घर मे कोई सदस्य बीमार हो तो मात्र प्रार्थना नहीं की जाती अपितु उपचार का पुरुषार्थ भी किया जाता है।
अतः प्रार्थना जितनी जरूरी है पुरुषार्थ भी उतना जरूरी है।
महाभारत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह नहीं कहा कि अपना कर्म त्यागो और मेरा नाम केवल जपो।
कृष्ण भगवान ने कहा - मोह त्यागो, आशक्ति त्यागो और अपना युद्ध स्वयं लड़ो। मैं तुम्हारा मार्गदर्शन करूँगा, तुम मेरी शरण मे आओ।
भगवान जो भवसागर से पार लगाता है, वह नदी पार करने के लिए केवट की नाव का सहारा लेता है, रीछ वानर से समुद्र पार करने के लिए पुल बनवाता है। सबको सबका पुरुषार्थ भक्ति के साथ करने को कहता है।
हमारा धर्म हमें कायर बनना नहीं सिखाता। आलस्य में पड़े रहकर दैव दैव पुकारना नहीं सिखाता।
क्लियर मेसेज है - मदद उसे मिलेगी जो अपनी मदद स्वयं करेगा। मार्गदर्शन उसे मिलेगा जो मार्ग पर चलने का पुरुषार्थ करेगा। प्रार्थना उसी की स्वीकार होगी जो पुरुषार्थ करेगा।
घर परिवार में प्रार्थना के साथ साथ पुरुषार्थ अवश्य करें।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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