*महिला सशक्तिकरण के तीन आधार*
1- *शरीरबल* - योग-व्यायाम व अच्छा भोजन, व्यवस्थित रहना व व्यवस्थित पहनावा पहनना। वस्त्र पहनने के तरीके से पता चल जाता है कि लड़की आत्मविश्वास से भरी है या डरी डरी सहमी है। चाल में कंधे उठे हुए व कदम सधे हुए, ऊंचा सोचते हुए होना चाहिए। आपकी चाल पर भी बहुत कुछ निर्भर है।
2- *मनोबल* - अच्छी प्रेरक पुस्तकों का स्वाध्याय व चिंतन, जीवन लक्ष्य बनाना और उसके लिए अपेक्षित मेहतन करना। अपने ज्ञान में निरन्तर वृद्धि करना। जब भी बोलें तो शब्द इतने सधे व आत्मविश्वास से भरे हों कि लोग बात करके जान सके कि आप ज्ञानवान हो।
3- *आत्मबल* - नित्य जप, ध्यान व स्व-संकेत के माध्यम से स्वयं को सन्देश देना कि तुम ईश्वर की बनाई सर्वश्रेष्ठ कृति हो, तुम्हारे अंदर अपार बुद्धि है, उसका सही उपयोग स्वयं के उत्थान के लिए करो, स्वयं को मजबूत बनाओ। तुम कोमल हो लेकिन कमज़ोर नहीं हो। तुम अपने अस्तित्व की रक्षा हेतु समर्थ हो। दृष्टि में सूर्य सा ओज होना चाहिए, जिससे कोई इस ओर देख न सके।
💐श्वेता, DIYA
1- *शरीरबल* - योग-व्यायाम व अच्छा भोजन, व्यवस्थित रहना व व्यवस्थित पहनावा पहनना। वस्त्र पहनने के तरीके से पता चल जाता है कि लड़की आत्मविश्वास से भरी है या डरी डरी सहमी है। चाल में कंधे उठे हुए व कदम सधे हुए, ऊंचा सोचते हुए होना चाहिए। आपकी चाल पर भी बहुत कुछ निर्भर है।
2- *मनोबल* - अच्छी प्रेरक पुस्तकों का स्वाध्याय व चिंतन, जीवन लक्ष्य बनाना और उसके लिए अपेक्षित मेहतन करना। अपने ज्ञान में निरन्तर वृद्धि करना। जब भी बोलें तो शब्द इतने सधे व आत्मविश्वास से भरे हों कि लोग बात करके जान सके कि आप ज्ञानवान हो।
3- *आत्मबल* - नित्य जप, ध्यान व स्व-संकेत के माध्यम से स्वयं को सन्देश देना कि तुम ईश्वर की बनाई सर्वश्रेष्ठ कृति हो, तुम्हारे अंदर अपार बुद्धि है, उसका सही उपयोग स्वयं के उत्थान के लिए करो, स्वयं को मजबूत बनाओ। तुम कोमल हो लेकिन कमज़ोर नहीं हो। तुम अपने अस्तित्व की रक्षा हेतु समर्थ हो। दृष्टि में सूर्य सा ओज होना चाहिए, जिससे कोई इस ओर देख न सके।
💐श्वेता, DIYA
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