Tuesday 21 July 2020

जीवन का खेल समझो, इसे हार - जीत की परवाह किये बिना खेलते जाओ

*जीवन का खेल समझो, इसे हार - जीत की परवाह किये बिना खेलते जाओ*

किसी के अपमानित करने पर,
यूँ टूटकर मत बिखरो,
उदास हताश मत हो,
वह भगवान नहीं, वह जौहरी नहीं,
जो तुम्हारा ठीक से मूल्यांकन कर सके।

किसी के सम्मान करने पर,
यूँ अहंकार में मत फूल जाओ,
अत्यंत उत्साहित मत हो,
वह भगवान नहीं, वह जौहरी नहीं,
जो तुम्हारा ठीक से मूल्यांकन कर सके।

पत्नी यदि मधुरभाषिणी व सुख की देवी है,
सौभाग्य को सराहो,
धरती पर स्वर्ग भोगने का अवसर मिला है।

पति यदि मधुर बोलने वाला देवता है,
सौभाग्य को सराहो,
धरती पर स्वर्ग भोगने का अवसर मिला है।

पत्नी यदि कटुभाषिणी व दुःखदायी है,
सौभाग्य को सराहो,
धरती पर तप करने का सुनहरा अवसर मिला है,
घर ही जंगलों का अनुभव देने वाला है,
हिंसक प्रवृत्तियों के बीच तपकर मन निखरने वाला है।

पति यदि गाली-गलौज देने वाला दुःखदायी है,
सौभाग्य को सराहो,
धरती पर तप करने का सुनहरा अवसर मिला है,
घर ही जंगलों का अनुभव देने वाला है,
हिंसक प्रवृत्तियों के बीच तपकर मन निखरने वाला है।

ऑफिस में बॉस व घर में सास,
यदि अच्छे स्वभाव के मिले,
तो परम सौभाग्य है,
ज़िंदगी आसान है।

ऑफिस में बॉस व घर में सास,
यदि कठोर स्वभाव के मिले,
तो भी परम सौभाग्य है,
ज़िंदगी हर दिन नई चुनौतियों से भरा खेल है,
एक चरण पार करने पर,
दूसरे चरण की कठिनाई मिलेगी,
बहुत कुछ सीखने को मिलेगा,
हमेशा दिमाग़ एक्टिव रहेगा,
स्वस्थ मन से खेलते खेलते इस खेल को,
तुम्हारे अंदर कुशलता आएगी,
इस ज़िंदगी के खेल को खेलने में,
फिर तुम्हें आनन्द आयेगा।

मान अपमान से परे जाओ,
ज़िंदगी के खेल को समझ जाओ,
जन्म व मृत्यु के बीच का जीवन,
बुद्धिकुशलता से जीते जाओ।

यह कलियुग है जनाब,
यहाँ वही रिश्ता निभता है,
जहां लोगों का स्वार्थ सधता है।
अतः अत्यंत भावनात्मक जुड़ाव,
किसी के साथ भी मत करना,
केवल अपनी भावनाओं को,
ईश्वर को समर्पित करते चलना।

इस कलियुग में आनंद से जीने का एक फार्मूला है,
स्वयं के अस्तित्व को स्वीकारो,
अधिकारों की उपेक्षा करो,
बस कर्तव्यों को निभाओ,
किसी से कोई अपेक्षा मत करो,
सबको प्रशन्न रखने की हठ मत करो,
मान अपमान से परे जाकर,
जिंदगी का खेल समझो,
इसे स्वस्थ मन से खेलते जाओ,
फल की परवाह करे बिना,
बस कर्म करते जाओ,
परिस्थितियों को बदलने में मत उलझो,
बस मनःस्थिति को व्यवस्थित करते जाओ।

🙏🏻श्वेता, DIYA

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