बचपन से मैं सुनते आ रही थी कि पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठिन तप किया, जो पूर्ण सत्य नहीं था।
कल जब मैं ध्यान कर रही थी, तब मुझे पूर्ण सत्य का अहसास हुआ कि पार्वती ने स्वयं के मूल अस्तित्व आद्यशक्ति को स्वयं में उभारने व पाने के लिए कठोर तप किया। साधारण स्त्री से आद्य शक्ति बनने के लिए तप किया।
शिव केवल आद्यशक्ति को मिल सकते थे, किसी साधारण स्त्री को नहीं।
अतः पार्वती ने साधारण स्त्री से आद्यशक्ति बनने के लिए साधना की।
वह दोनों से एक दूसरे के लिए ही बने हैं, शिव ने मात्र स्वयं से विवाह हेतु पार्वती से तप नहीं करवाया था। वह तो पार्वती को उनकी शक्तियों से परिचय करवाना चाहते थे।
तप से विधाता सृष्टि रचता है, कठोर तप से ही शिव स्वयं को महाकाल की शक्तियों से ओत-प्रोत रखकर जगत को सम्हालता है। सभी देवशक्तियाँ स्वयं की शक्तियों को अर्जित करने हेतु तपलीन रहती हैं।
कठिन तप द्वारा पार्वती माता ने शरीर की पहचान से ऊपर उठकर आदिशक्ति स्वरूप में बदल गयी। आदिशक्ति बनते ही शिव स्वतः उनके समक्ष प्रकट हो गए। इस तरह दो देव शक्तियों शिव और शक्ति का मिलन हो गया।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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