शिकार में एकाग्रता न हो तो,
बगुला भूखा मर जायेगा,
पढ़ाई में एकाग्रता न हो तो,
विद्यार्थी फेल हो जायेगा।
बगुला अपने बच्चे को,
एकाग्रता का गुण सिखाने में सफ़ल रहता है,
फिर माता-पिता व शिक्षक विद्यार्थी को,
एकाग्रता का गुण सिखाने में क्यों असफल रहते है?
मन और पेट का अटूट रिश्ता जान लो,
पढ़ाई को पेट की भूख से जोड़ दो,
एकाग्रता जो मन से न आये तो,
भूख वह एकाग्रता जरूर सिखा देगी,
बिन पढ़े जो भोजन न मिले तो,
पेट मन को एकाग्रता हेतु विवश कर देगा।
मन पर पेट की भूख का अंकुश लगा दो,
पढ़ने की एकाग्रता हेतु बच्चे को उपवास करवा दो,
ऋषि परम्परा को पुनः अपना लो,
उपवास से एकाग्रता का अभ्यास करवा दो।
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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