प्रश्न - मैं 31 साल का हूँ और जीवन से हार गया हूँ, क्या करूँ?
उत्तर - आइये सबसे पहले समझते हैं कि यह सोच आपके अंदर जन्मी क्यों कि आप हार गए हैं?
आपने कुछ इच्छाएं की होंगी, जो पूरी होती नहीं दिख रही। आपके समस्त प्रयास उस ओर विफ़ल रहे। वस्तुतः आप नहीं हारे अपितु एक लक्ष्य था जो पूर्ण न हुआ।
नेपोलियन बोनापार्ट लेखक बनना चाहता था, उसने कई प्रकाशन में ट्राइ किया व विफ़ल रहा। हार गया व उसका मन टूट गया, तब उसके मित्र ने उसे कहा कि इच्छा व योग्यता में अंतर होता है। तुम्हारी इच्छा के अनुसार योग्यता नहीं है। अतः अब योग्यता के अनुसार इच्छा उतपन्न करो और उस दिशा में प्रयास करो सफलता जरूर मिलेगी। उसने ऐसा किया व वह सफल रहा।
अतः तुम भी अपने भीतर झाँको और तलाशो कि तुम और क्या बेहतर कर सकते हो, किन चीज़ों की योग्यता रखते हो। दूसरा मार्ग चुनो और आगे बढ़ो।
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