मनुष्य जीवन का सही मूल्यांकन क्या है?
मनुष्य का जीवन अनमोल महंगे बेशकीमती रत्न की तरह है, मनुष्य की अवेयरनेस और योग्यता पर निर्भर करता है कि वह इसका मूल्यांकन करने योग्य है भी नहीं।
वेशकीमती रत्न को धोबी, किसान, किराना वाले, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील के समक्ष रखो तो क्या वह उसका सही मूल्यांकन कर पाएंगे, नहीं न… रत्न के सही मूल्यांकन के लिए जौहरी सी योग्यता चाहिए।
अतः जो जीवन का जौहरी है और फुल अवेयरनेस जीवन के प्रति रखता है, वही जीवन का सही मूल्यांकन कर सकेगा। बाकी अन्य अयोग्यों द्वारा किया मूल्यांकन अर्थहीन होगा।
नर से नारायण बनने की योग्यता मनुष्य रखता है, बस सही दिशा में सही मेहनत की अनवरत आवश्यकता है।
श्वेता, DIYA
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