प्रश्न - मेरे पिता नहीं है, मेरे बड़े भाई ने अपनी शादी के बाद घर बनवाया। मग़र मुझे एक रूम तक नहीं दिया, व कहा सब अपना देख लो। मैं क्या करूं?
उत्तर - यह कलियुग है, जहां स्वार्थ सधता है वहीं रिश्ता निभता है।
तुम युवा हो और तुम्हारे पास सम्भावना का भंडार है। अपनी ऊर्जा भाई से लड़ने में व्यर्थ मत करो, उसके बनाये घर में रूम मत ढूढों। अपना आलीशान मकान भाई से भी बड़ा बनाने हेतु बड़ी मेहनत करो। एक दिन बड़े आलीशान मकान में पार्टी रखना और अपनी गाड़ी भेजकर बड़े भाई व भाभी को बुलाना। कहना, यदि आप घर मे मुझे रूम देते तो शायद मैं आज इतनी तरक्की नहीं करता। आपके द्वारा किये अपमान ने मुझे आज वह शक्ति दी कि मैं अपने आपको तरक्की की ऊंचाई पर ले जाऊँ और स्वयं के लिए आलीशान मकान बनाऊं।
सौ सफल लोगों की जीवनी पढ़ो या यूट्यूब में देखो, उनके जीवन से सीखो, सँघर्ष करना सीखो। स्वयं से बोलो मैं सफल बनूँगा। मैं मेरे इस अपमान की अग्नि से सृजन करूंगा, विध्वंस नहीं करूंगा। मैं मेरी ऊर्जा व्यर्थ में उलझने में खर्च नहीं करूंगा, मैं स्वयं के निर्माण में जुट जाऊंगा।
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