Wednesday 14 October 2020

मनुष्य जन्म का आधार कर्मफ़ल

 मनुष्य जन्म का आधार कर्मफ़ल

भारतीय सनातन धर्मग्रंथ कहते हैं कि मनुष्य का जन्म हमारे कर्मफ़ल की देन है। बड़ी किस्मत से मनुष्य जन्म मिलता है, क्योंकि मनुष्य ही बुद्धि होने के कारण सोच समझ सकता है।

हड़प्पा युग से वर्तमान युग तक पशु-पक्षी का जीवन नहीं बदला, मात्र मनुष्यों का बदला। इसका मुख्य कारण है मनुष्य द्वारा बुद्धि प्रयोग। 

मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है, जैसा चाहे वर्तमान समय में प्रयत्न पुरुषार्थ से अपना जीवन बना सकता है।

अगले जन्म में किस योनि में जन्म लेना है, यह भी मनुष्य स्वयं अपने कर्मो और सोच के द्वारा तय करता है। यदि जीवन भर पशुवत आचरण करेगा और पशु ही चित्त में बसेगा तो अगले जन्म में पशु योनि में जन्म मिलेगा। यदि मनुष्य मानवीय गरिमा में कार्य करेगा और चित्त में इंसानियत बसेगा तो अगले जन्म में मनुष्य योनि में ही जन्म लेगा।

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