मन एक महाशक्ति विद्युत की तरह है, उसे नियन्त्रित विधि से सही दिशा में उपयोग किया तो जीवन के सभी उपयोगी उपकरण व कार्य को चलाकर जीवन रौशन कर देगा। यदि यह महाशक्ति अनियंत्रित हुई तो यह पूरे जीवन को जलाकर ख़ाक कर देगा। मन की विद्युत शक्ति को हैंडल करने हेतु मन के इंजीनियर बनिये, मन को गायत्री मंत्र जप, उगते सूर्य का ध्यान, प्राणाकर्षण प्राणायाम व अच्छी पुस्तको के स्वाध्याय से नियंत्रित कीजिये। मन के इंजीनियर बनिये।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?
प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...
-
तुम्हें जन्मदिन की बधाई बधाई, यही बात इन दीपकों ने बताई।। किया जो इन पंचतत्वों का पूजन, इन्ही पंच तत्वों से बना तन, अरे! देव दु...
-
प्रश्न - *कुत्ते, बिल्ली, चूहे, सर्प या अन्य जहरीले जीव के काटने पर उपचार का सर्वोत्तम तरीका कौन सा है? एलोपैथी, आयुर्वेद या होमियोपैथी?* ...
-
प्रश्न - *दी, क्या तुलसी के पौधे की सूखी लकड़ियों को समिधा की तरह या कूटकर हवनसामग्री में मिलाकर हवन कर सकते हैं? एक पण्डित जी ने तुलसी की स...
No comments:
Post a Comment