प्रश्न - मरने के बाद साथ क्या जाता है?
उत्तर - मनुष्य के तीन कलेवर(शरीर) होते हैं। स्थूल, सूक्ष्म और कारण।
स्थूल शरीर - मरने के बाद यहीं छूट जाता है जो कि या तो जला दिया जाता है या दफना दिया जाता है। स्थूल अर्थात जो शरीर दिखता है।
सूक्ष्म शरीर - जिसमें मन, बुद्धि, चित्त व अहंकार समाहित है। यह मरने के बाद साथ जाता है। चित्त में हमारे सभी पाप-पुण्य का रिकॉर्ड सुरक्षित होता है, जिसके आधार पर ईश्वर हमें कर्मफ़ल देता है। इस जन्म में मिले सँस्कार और ज्ञान भी मरने के बाद साथ जाता है। इसका उदाहरण होता है कि कुछ बच्चे जन्म से मेधावी होते हैं, तो कुछ सामान्य और कुछ मंदबुद्धि यह सब पूर्वजन्म के ज्ञान व सँस्कार का प्रभाव होता है।
कारण शरीर - जिसमें अंतरात्मा की आवाज़ और भावनाएं समाहित होती है। मनुष्य मरने के बाद कारण शरीर भी साथ जाता है। इसलिए मृत्यु के बाद भी निज भावनाओं के अनुसार ही आत्माएं देवलोक में देवात्मा बनती हैं या पितरलोक में पितर या संसार मे भटकती प्रेतात्मा बनती हैं।
अतः मरने के बाद केवल समस्त स्थूल पदार्थ जो देखे, सुने व स्पर्श किये जाते हैं, जैसे धन, सम्पदा, घर, मकान, बन्धु, बांधव इत्यादि साथ नहीं ले जाया जा सकता।
मरने के बाद समस्त सूक्ष्म चीज़े जैसे विचार, भावना, सँस्कार, ज्ञान, पाप, पुण्य सबकुछ मरने के बाद साथ जाता है।
💐श्वेता, DIYA
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