एक जल में चलने की सिद्धि प्राप्त योगी गंगा किनारे बैठे ठाकुर रामकृष्ण को अपनी सिद्धि से प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था। ठाकुर ने कहा - बेटा जो कार्य 3 पैसे देकर नाव द्वारा नदी पार कर किया जा सकता है, उसके लिए तुमने 10 वर्ष का तप बर्बाद कर दिया। तुम्हें जल में चलकर क्या लाभ हुआ? कुछ लोगों की ताली और वाह वाही... मग़र तुम्हारी आत्मा को इससे क्या मिला? कुछ नहीं न...बेटा भवसागर को पार करने की सिद्धि में जुट जाओ और इन जल में चलने व हवा में उड़ने की सिद्धियों जैसे खिलौने से खेलकर समय व्यर्थ मत करो। योगी को सही मार्गदर्शन मिल गया वह आतमुन्नति में जुट गया।
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