Thursday 19 November 2020

दस दिमाग़ हिला देने वाली बातें, जो जानते सब हैं पर इग्नोर करते हैं 1-

 दस दिमाग़ हिला देने वाली बातें, जो जानते सब हैं पर इग्नोर करते हैं

1- मृत पूर्वज की टँगी फोटो यह सबको याद दिलाती है कि मृत्यु अटल सत्य है कुछ साथ न जाएगा। पर फिर भी संग्रह में जुटे रहते हैं।

2- नशा नाश की जड़ है, शरीर नष्ट होगा। सभी नशा करने वाला जानता है, मग़र फिर भी करता है।

3- दूध में दही पड़ने पर दूध दही बन जाता है, ऐसे ही विवाह के बाद बेटे की दूध के जीवन मे बहु की जामन पड़ेगी तो माता पिता के साथ सम्बन्धों में खटास थोड़ी बहुत जरूर आएगी। तब चीनी अर्थात अतिरिक्त प्रयास सम्बन्ध ठीक रखने हेतु चाहिए । जानते सब हैं मगर इग्नोर करते हैं। बेटे से पुनः विवाह पूर्व का व्यवहार चाहते हैं।

4- प्यासे व्यक्ति को पानी चाहिए, चाहे वह मिट्टी के बर्तन में दो, या स्टील के बर्तन में या सोने की ग्लास में दो। प्यास तो जल से ही बुझेगी न कि ग्लास से…जीवन भी ऐसा ही है, कच्चे घर मे रहो, पक्के घर मे या महल में…जीवन का आनन्द तो अपनों के साथ ही है। 

5- प्रत्येक विद्यार्थी को 6 माह पूर्व ही किताबें मिल जाती है और टेंटेटिव एग्जाम डेट भी, लेकीन अधिकतर विद्यार्थी पूरे समय को नष्ट कर एग्जाम के दो दिन पहले पढ़कर पास होने के जुटते हैं। ऐसे ही अटल मृत्यु सबको पता है, मरने के बाद भगवान जीवन मे क्या किया का हिसाब किताब लेगा, विद्यार्थी की तरह मनुष्य जवानी के समय को नष्ट कर मात्र वृद्धावस्था के अंतिम दिनों में पूजा पाठ करके जीवन का एग्जाम पास करने की कोशिश करता है।

6- सब जानते हैं योग व व्यायाम से शरीर स्वस्थ होगा। लेकिन हममें से अधिकतर योग व्यायाम नहीं करते।

7- सुबह उठना और टहलना जीवन ऊर्जा से भर देता है, जानते सब हैं मगर अधिकतर को सुबह नींद प्यारी है।

8- स्वास्थ्यकर खाना चाहिए, मग़र स्वाद की पीछे भागते सब हैं।

9- प्रदूषण सामूहिक मौत है, जानते सब हैं मगर मिलकर प्रदूषण दूर करने का प्रयास करने को तैयार नहीं है।

10- भारत व दुनियाँ में सकारात्मक परिवर्तन चाहते सब हैं मगर परिवर्तन का हिस्सा बनकर खुद कुछ करने को तैयार नहीं। भगत सिंह, सुभाष व लक्ष्मी बाई चाहिए सबको लेकिन पड़ोसी के घर में…अपने घर तो इंजीनियर, डॉक्टर वकील इत्यादि द्वारा कमाकर घर गृहस्थी सम्हालने वाला चाहिए।

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प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

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