प्रश्न - दीदी ,
मन में कुछ दिन तो सात्विकता रहती है लेकिन कुछ दिन बाद फिर भंग हो जाती है फिर मन चंचल होकर भटकने लगता है ऐसा क्यों और इसके लिए क्या समाधान करे..
उत्तर - मन को स्थिर रखने हेतु निरंतर अभ्यास चाहिए, एक दिन भी चूकोगे तो भटकन स्वतः आएगी। एक बार के भोजन से जीवन भर पेट नहीं भरता। एक बार की सफाई से जीवन घर साफ नहीं होता। एक बार की साधना से हमेशा के लिए मन स्थिर न होगा।
पेट में भूख स्वतः लग जायेगी, अतः उसे मिटाने हेतु भोजन की व्यवस्था करो।
घर में धूल स्वतः आ जायेगी, अतः नित्य सफाई की व्यवस्था करो।
इसी तरह स्वत: मन चंचल व भटकन आ जायेगी, अतः नित्य सात्विकता स्थापित करने की व्यवस्था करो और उसे सन्मार्ग पर लाओ। नित्य स्वाध्याय, प्राणायाम, ध्यान व मन्त्र जप करना पड़ेगा।
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