Monday, 7 December 2020

हनुमान चालीसा एक आध्यात्मिक भय उपचार की प्रक्रिया है

 ***चमत्कार अर्थात ऐसी घटना जो बुद्धि को समझ नहीं आयी कि हुआ कैसे? ईश्वर अराधना एक आध्यात्मिक मनोवैज्ञानिक विधिव्यवस्था है, समझने वाले इसके सुनिश्चित प्रयोग की महत्ता व परिणाम जानते हैं**

उदाहरण - 

हनुमान चालीसा एक आध्यात्मिक भय उपचार की प्रक्रिया है। आप किसी भी धर्म को मानने वाले हो, इसके प्रयोग से एक समान ही लाभ होता है। जैसे औषधि किसी भी धर्म सम्प्रदाय के लोग पर समान असर करती है। वैसे ही हनुमान चालिसा भी सभी धर्म सम्प्रदाय के लोगों पर एक समान असर करता है। दवा की शक्तियों पर विश्वास जरूरी है, वैसे ही यहां हनुमानजी की शक्तियों पर पूर्ण विश्वास जरूरी है।

निम्नलिखित भयमुक्त होने का आध्यात्मिक मनोवैज्ञानिक प्रयोग हमने स्वयं भी आजमाया है व कई सारे लोगों को बताया है। जिसने भी किया उसे लाभ मिला व वह भयमुक्त हुआ और उसमें साहस का संचार हुआ:-

प्रार्थना व आह्वाहन मन्त्र - ***ॐ अंजनीसुताय विद्महे, वायु पुत्राय धीमहि। तन्नो मारूति: प्रचोदयात।***

भावार्थ - हम हनुमानजी को सर्वशक्तिमान जानते और मानते हैं। ऐसे सर्वशक्तिमान हनुमानजी का हम मन में ध्यान करते हैं। हनुमानजी हमारी बुद्धि को प्रेरणा दें, हममें साहस का संचार करें, हमें भयमुक्त बनाये और सन्मार्ग को बढ़ाने हेतु हमारा पथ प्रदर्शन करें।

जिस प्रकार डरावना स्वप्न से जागने पर भय मुक्त हो जाया जाता है, वैसे ही दिन में मन द्वारा बुने डरावनी कल्पनाओं से मुक्ति होश में और अवेयरनेस स्टेज में आते ही हो जाती है।

डर अर्थात जो अभी घटित नहीं हुआ है, उसकी कल्पना करना। क्योंकि जो घटित हो जाता है वह तथ्य है।

डर की कल्पना मन कर रहा है, डर से मुक्ति भी मन ही देगा। डरावने विचार भय उतपन्न करते हैं, तो साहस भरे विचार भय से मुक्ति दे देते हैं।

एक प्रयोग कीजिये, मन की कल्पनाओं पर नज़र रखिये, जैसे ही मन नकारात्मक व भययुक्त कल्पना करें तुरंत हनुमानजी का स्मरण कीजिए। इस विश्व के आध्यात्मिक सुपर हिरो भगवान हनुमानजी की चालीसा पढ़िये, उनकी साहस गाथा चालीस पदों की चालीसा रूप में तुलसीदास जी ने लिखी है। मन में साहस की प्रोग्रामिंग करने हेतु 108 दिन तक स्वयं में हनुमानजी का आह्वाहन कीजिये, ध्यान धारणा कीजिये कि आप में हनुमानजी की शक्ति प्रवेश कर गयी है, आपमें शक्ति व साहस का संचार हो गया है। यह आध्यात्मिक मनोवैज्ञानिक प्रयोग मन को भयमुक्त कर देगा।

रात को जिन्हें भय लगता है वह रात को नित्य बिस्तर पर बैठकर हनुमान गायत्री मंत्र से हनुमान जी का आह्वाहन और फिर हनुमान चालीसा का पाठ कर लें। जिन्हें एग्जाम से भय लगता है वह पढ़ने से पूर्व हनुमान चालीसा करके पढ़ने बैठें। 108 दिन का आध्यात्मिक उपचार कोर्स है। 100% लाभप्रद है।

हनुमान चालीसा इंटरनेट पर भी उपलब्ध है।

सत्य घटना - 

1- एक युवा दिल्ली में कोचिंग के लिए आया। वह जहां रहता था उसी सोसायटी में प्रेम-प्रकरण में एक लड़के ने फाँसी लगा ली थी। इस कारण वह भयग्रस्त रहता व रात को पढ़ने से डरने लगा। उपरोक्त उपाय हमने बताया था। उसने किया अब वह बिना भय के रात को पढ़ता है।

2- एक बहन जी को रात को बड़े गंदे व भयभीत करने वाले स्वप्न आते थे। इस कारण वह ठीक से सो नहीं पाती थी। सोने से उसे भय लगता था। इस आध्यात्मिक प्रयोग को करने से उसका भय गया एवं वह अब निश्चिंत सो पाती है।

ऐसे अनेक उदाहरण आध्यात्मिक उपचार के हैं, जिन्हें अपनाकर स्वयं में साहस व शक्ति का संचार किया जा सकता है।

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