5 "S" - Strength(शक्ति), Speed(गति), Skill(कौशल), Stamina (दम-खम), Suppleness (लचीलापन) - जीवन की सफलता के लिए अनिवार्य है।
शरीर के लिए जिम जाओ और योग करो साथ ही उचित आहार विहार लो।
मन के लिए मन की जिम ध्यान, प्राणयाम करो और मन का भोजन अच्छे विचार दो।
दो तरह के लोग हैं - एक हॉस्पिटल जाना पसंद करते हैं, दूसरे जिम व योग करना पसन्द करते हैं।
दो तरह के लोग हैं- एक पशुवत तनाव में बीमार होना पसन्द करते हैं, दूसरे दुनियाँ के तनाव को झेलने के मानसिक मजबूती हेतु ध्यान प्राणायाम करते हैं।
यदि आप चिकित्सको का फ़ायदा नहीं करवाना चाहते व स्वयं का कल्याण चाहते हैं तो ध्यान अवश्य करें। शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक लाभ ही लाभ मिलेगा।
आध्यात्मिक लाभ -1. ध्यान से ज्ञान में वृद्धि होती है। 2. नई सोच का उदय होता है। 3. ध्यान हमारे जीवन को व्यवस्थित करता है। 4. ध्यान हमें अपने वास्तविक स्वरूप से परिचित कराता है। 5. ध्यान से शरीर, मन और आत्मा में संतुलन आता है।
शारीरिक लाभ -1. ध्यान करने से रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। 2. मांसपेशियों में जकड़न कम होती है। 3. ध्यान सिरदर्द एवं माइग्रेन में आराम दिलाता है। 4. ध्यान शरीर को हानिकारक पदार्थों से बचाता है। 5. ध्यान से चेहरे पर ओज और तेज आता है।
मनोवैज्ञानिक लाभ - 1. ध्यान आत्म-विश्वास और सहनशीलता को बढ़ाता है। 2. ध्यान से सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है। 3. ध्यान एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाता है। 4. ध्यान अशांत एवं चंचल विचारों को शांत करता है। 5. ध्यान भावनात्मक स्थिरता को बढ़ाता है।
मर्जी है आपकी, आख़िर जीवन है आपका। हॉस्पिटल में डॉक्टरों का बिजनेस चलाना है या निज स्वास्थ्य बचाना है। यह तो आपका निर्णय तय करेगा।
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