प्रश्न - शादी विवाह मै लोग पैसे नोट फेंकते है दुल्हा या दुल्हन के ऊपर या नाचते बक्त ये लक्ष्मी जी का आनादर नही क्या ?
उत्तर- वास्तव में यह प्रथा दान का ही एक दूसरा रूप है। राजा महाराजा व सेठ लोग जब घर मे नई दुल्हन गृह लक्ष्मी का प्रवेश होता था तो जनता को इस खुशी में दोनो हाथ से मुद्रा लुटाते थे। और इसका संबंध विभिन्न देवी-देवताओं से है। नई दुल्हन को गृहलक्ष्मी माना जाता हैं तो यह उसके दैवीय स्वरूप को एक भेंट चढ़ाने का तरीका होता है।
अब आम जनता भी अपनी सामर्थ्य अनुसार पैसे लुटाती है, गरीब बच्चे व लोग उसे उठाते हैं।
यह एक प्रकार का दान ही है। थोड़ी राजा महाराजा होने वाली फिलिंग लेने के लिए व बहु एवं उनके घरवालों के समक्ष दिखावे हेतु भी होता है।
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