क्या अपने कभी गौर किया है आईने में कुछ लोगों का चेहरा अलग क्यों लगता है?
दर्पण मात्र बाह्य हाव भाव व मेकअप को दिखा सकता है। हृदयगत भावों को जो छुपाने में कुशल है उसे दर्पण नहीं दिखा सकता।
मन से कुरूप व दुष्ट एवं तन से सुंदर को दर्पण सुंदर ही दिखायेगा। कुरूप लड़की के मेकअप के बाद दर्पण उसे सुंदर ही दिखायेगा।दर्पण न सत्य बोलता है और न ही झूठ बोलता है। वह केवल प्रतिबिंबित करता है।
सत्य अंतर्जगत का हृदय दर्पण बोलता है, वही असली सुंदरता को पहचानता है।
गिरगिट और कुत्ते के अंदर लोगों के हृदय को देखने की क्षमता होती है।
इंसान व दर्पण तो अक्सर धोखा खा जाते हैं, बनावटी को ही सत्य समझ लेते हैं।
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