प्रश्न - गर्भस्थ शिशु के रूप रंग व गुण किन किन कारकों पर निर्भर करते हैं?
उत्तर- बालक की आकृति, रूप-रंग व स्वास्थ्य का आधार मात्र मातापिता द्वारा प्रदत्त शारीरिक जीन्स पर ही आधारित नहीं होता, अपितु माता पिता की मानसिक सोच व उनका भावनात्मक लगाव गर्भावस्था में किससे अधिक उस पर भी निर्भर करता है।
कैसा भोजन, आहार-विहार ले रहे हो उस पर निर्भर करता है साथ ही कैसे विचार व भावनाएं मन में पोषित कर रहे हो उस पर भी निर्भर करता है।
अक्सर साधारण अवस्था में गर्भवती या तो ससुराल वालों के चिंतन में खोई रहती है या मायके वालों के चिंतन में खोई रहती है। इस चिंतन का कारण प्रेमवश हो या नफ़रत के कारण हो या गुस्से के कारण हो, बालक का रूप रंग व गुण उसी पर जाएगा जिसका चिंतन मन में सर्वाधिक होगा, जिसके चिंतन पर उसका स्पष्ट चेहरा मन मे बन रहा होगा। तद्नुसार बच्चे का चेहरा व गुण मायके या ससुराल वालों पर पड़ता है।
लेक़िन यदि गर्भवती माता के चिंतन में कोई खिलाड़ी या कोई फिल्मी हीरो/हिरोइन या कोई महान हस्ती या देवी-देवता का चिंतन अत्यधिक भावनात्मक जुड़ाव के साथ हो, घण्टों उन्ही के चिंतन व उन्हीं के चित्र को देखेगी तो गर्भस्थ शिशु का रूप रंग व गुण उसके जैसे अवश्य होंगें।
भावनात्मक गहराई से जुड़े वैचारिक चिंतन चुम्बक की तरह होते हैं, जो ब्रह्माण्ड से अच्छा या बुरा जो चाहे आकृष्ट कर सकते हैं, एवं गर्भस्थ शिशु के रूप-रंग व गुण को प्रभावित कर सकते हैं।
अतः सावधान रहें, व मन में उठ रहे विचारों और भाव पर नज़र रखें।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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